नया दौर : इंदौर, दिल्ली में संविधान पर चर्चा की नहीं मिली इजाजत
कश्मीरनामा, कश्मीर और कश्मीरी पंडित जैसी पुस्तकों के लेखक अशोक पांडेय को इंदौर में, प्रशांत भूषण को दिल्ली में संविधान पर बोलने की इजाजत नहीं मिली।
उसने गांधी को क्यों मारा, कश्मीरनामा, कश्मीर और कश्मीरी पंडित जैसी अनेक पुस्तकों के लेखक अशोक कुमार पांडेय को इंदौर में तथा वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण को दिल्ली विवि के छात्रों के बीच संविधान पर चर्चा की प्रशासन ने इजाजत नहीं दी।
लेखक अशोक कुमार पांडेय ने कहा-इंदौर में एक आयोजन होना था संविधान पर। प्रशासन ने रद्द कर दिया। Not a Big Deal. हम फिर आएंगे, फिर बोलेंगे। जहां जगह बचेगी बोलेंगे। मालूम हो कि गांधी के हत्यारे गोडसे को महिमामंडित करने, द कश्मीर फाइल्स फिल्म के बहाने देश में धार्मिक नफरत फैलाने के खिलाफ लगातार मुखर रहे हैं। वहां उनके साथ दिल्ली विवि के पूर्व प्राध्यापक शम्सुल इस्लाम भी संविधान के मूल्यों की रक्षा पर अपना व्याख्यान देनेवाले थे। उन्होंने प्रसासन द्वारा उजाजत नहीं देने पर कहा- भाजपा और आरएसएस देश को बर्बाद कर रहे हैं।
इधर आज दिल्ली में भी इसी तरह का कार्यक्रम था। प्रसासन ने यहां भी इजाजत नहीं दी। सभागार में इजाजत नहीं मिलने पर वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सड़क पर ही छात्रों को संबोधित किया। स्वराज इंडिया ने सड़क पर हुए कार्यक्रम का वीडियो शेयर करते हुए लिखा-संविधान के समक्ष चुनौतियां विषय पर दिल्ली विवि के लॉ छात्रों को प्रशांत भूषण संबोधित करनेवाले थे। प्रसासन ने इजाजत नहीं दी। कारण-छात्रों को संभालना मुश्किल। कार्यक्रम से 20 मिनट पहले रोकने का आदेश आया। इसके बाद उन्होंने सड़क पर ही छात्रों को संबोधित किया। संविधान के समक्ष चुनौतियों का जीता-जागता उदाहरण।”भारतीय संविधान की चुनौतियाँ” में वास्तविक जीवन का पाठ! देखिए वीडियो-
Real life lesson in “Challenges to Indian Constitution”
— Swaraj India (@_SwarajIndia) March 26, 2022
▪️Today senior lawyer @pbhushan1 was to speak at Faculty of Law, DU.
▪️Notice cancelling permission pasted 20 mnts before the talk.
➡️ Reason:”unmanageable” students! he addressed students on the road. pic.twitter.com/zphmF1F6TY
प्रशांत भूषण ने बिना माइक, बिना मंच के बीच पेड़ के नीचे, सड़क किनारे संविधान पर बात की। इस दौरान बड़ी संख्या में दिल्ली विवि के लॉ छात्र उनकी बात सुनते देखे गए।
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