Pegasus : दिल्ली में गूंजा नारा, जासूस पीएम हाय-हाय
भारत के इतिहास में अपने ही नागरिकों की जासूसी करने का पहली बार प्रधानमंत्री पर आरोप लगा है। दिल्ली में Pegasus जासूसी मामले में युवा कांग्रेस का प्रदर्शन।
जैसे ही सरकार के आलोचक पत्रकारों सहित 40 लोगों की जासूसी करने का मामला सामने आया देश में बवाल हो गया। दिल्ली में संसद के भीतर और बाहर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ नारे लगे। युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. के नेतृत्व में दिल्ली में बारिश में भींगते हुए कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। वे हमारा पीएम जासूस है, जासूस पीएम हाय-हाय, जासूस पीएम शर्म करो के नारे लगा रहे थे।
इजराइली जासूसी उपकरण से जासूसी करने का मामला सामने आते ही कांग्रेस ने भाजपा और आरएसएस पर जमकर हमला बोला है। श्रीनिवास ने ट्वीट किया- हाफ पैंट से बस फुल पैंट हुई है, फितरत वही पुरानी है…! जब अंग्रेज थे- तब भी ‘जासूसी’ इनका धंधा था, आज जब नहीं है- तब भी ‘जासूसी’ का धंधा जारी है, सुधरोगे कब?
मालूम हो कि एक Pegasus इजराइली सॉफ्टवेयर है, जिससे आपके फोन पर कोई कॉल आएगा, आप फोन नहीं भी उठाते हैं, तब भी वह डिवाइस आपके फोन में प्रवेश कर जाएगा और जो भी आप बात करेंगे, शेयर करेंगे, सबकुछ उसे पता चल जाएगा। कंपनी का कहना है कि वह यह डिवाइस सिर्फ सरकारों को ही बेचती है। इसलिए मोदी सरकार से लोग पूछ रहे हैं कि वे बताएं कि सरकार की किस एजेंसी ने करोड़ों रुपए खर्च कर जासूसी की है। कोरेगांव मामले में जेल में बंद मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के ई-मेल में इसी तरह घुसकर छेड़छाड़ करने का मामला सामने आ चुका है, लेकिन तब भी सरकार ने जासूसी किए जाने की जांच नहीं की। अब उन्हें रिहा करने की मांग फिर से उठी है।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने कहा कि पहली बार देश के लोकतंत्र के सभी स्तंभों की जासूसी करने का मामला सामने आया है। जज, सांसद, अधिकारी और मीडिया की जासूसी की गई है। मुंबई प्रेस क्लब ने कहा कि जांच स्वतंत्र एजेंसी से होनी चाहिए।
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कोई भी सभ्य लोकतांत्रिक देश Pegasus से जासूसी में शामिल नहीं है, लेकिन भारत में इससे जासूसी की गई या की जा रही है। अजरबैजान, बहरीन, रवांडा, यूएई, हंगरी, मोरक्को जैसे देशों की सूची में भीरत भी शामिल हो गया है, जहां अपने ही नागरिकों की जासूसी की जा रही है।
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