रेपिस्टों की रिहाई के खिलाफ बिलकिस ने खटखटाया SC का दरवाजा

न्याय पाने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ता है! लेकिन बिलकिस बानो ने हार नहीं मानी। 11 रेपिस्टों की रिहाई के खिलाफ खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा।

सामूहिक दुष्कर्म की शिकार बिलकिस बानो ने हार नहीं मानी है। बुधवार को वह सुप्रीम कोर्ट पहुंची। उसने 11 रेपिस्टों की रिहाई के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। ये वे ही दोषी हैं, जिनकी रिहाई पर माली पहनाई गई थी तथा मिठाी खिलाई गई थी। भाजपा के विधायक ने इन्हें संस्कारी ब्राह्मण कहा था।

बिलकिस बानो को 2002 में गुजरात दंगे के दौरान सामूहिक दुष्कर्म शिकार बनाया गया था। उनकी तीन साल की बेटी को सड़क पर पटक कर मार दिया गया था। उनके परिवार के नौ सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। इतने जघन्य अपराध के दोषियों की सजा माफ करने के खिलाफ देश भर से आवाज उठी। हालांकि दबे स्वर में रेपिस्टों के पक्ष में भी लोग बोलते रहे। कांग्रेस के नेता जिग्नेश मेवानी ने कहा कि वे बिलकिस बानो को मुसलमान भर नहीं मानते, बल्कि वे मानते हैं कि बिलकिस गुजरात की बेटी है, भारत की बेटी है।

पत्रकार अदिति राजपूत ने कहा-बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट में 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती देते हुए सभी को फिर जेल भेजने की मांग है। उस फ़ैसले पर फिर विचार करने की याचिका दी, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि दोषियों की रिहाई पर फ़ैसला गुजरात सरकार करेगी। CJI ने भरोसा दिया कि केस में देखेंगे कि कब सुनवाई हो।

राजनीतिक टिप्पणीकार योगेंद्र सिंह ने लिखा-बिल्किस बानो की हिम्मत,निडरता को सलाम करते हैं। कुदरत हर बेटी को ऐसे जुर्म और गुनाहगारों से दूर रखे। और बिल्किस बानो जैसी सशक्त,जुर्म खिलाफ आवाज उठाने बाली बनाए। शरद अग्रवाल ने लिखा- #बिल्किसबानो को निश्चित रूप से न्याय मिलना चाहिए और 11 संस्कारी बलात्कारियों को वापिस जेल भेजना चाहिए। जिन बलात्कारियों को फांसी के तख्ते पर होना चाहिए था, जेल के बाहर सरकार की दरिया दिली के कारण खुली हवा में घूम रहे हैं, बहुत ही शर्म की बात है।

The Kashmir Files पर फिर बोले लैपिड-इसमें फासिस्ट विचार

By Editor