राजद,कांग्रेस के साथ मिल कर सरकार बनाएंगे नीतीश कुमार
बिहार की सियासत में हलचल का दौर शुरू हो गया है। एक बार फिर 2015 वाली तस्वीर देखने को मिल सकती है। दो दिनों से चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम से तो यही लगता है।
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दीपक कुमार, बिहार ब्यूरोचीफ
राज्य में एक बार फिर BJP-JDU गठबंधन टूट की कगार पर खड़ा है। हाल ही में जेडीयू ने सहयोगी बीजेपी के साथ अनबन की अटकलों को खारिज करते हुए उसके साथ सब कुछ ठीक होने का दावा किया,लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह फिर से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगी। बताया जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में जेडीयू बीजेपी से अलग होने का ऐलान कर सकती है। वहीं सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार आरजेडी, लेफ्ट फ्रंट और कांग्रेस के साथ मिल कर वैकल्पिक सरकार बनाने की तैयारी में जुटे हैं। इस बीच नीतीश कुमार ने मंगलवार को जेडीयू के सभी विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाई है।
राज्य में एक और महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम?
ऐसी भी खबरें काफी तेजी से चल रही हैं कि आरजेडी ने अपने विधायकों को अगले कुछ दिनों के लिए पटना में रहने का फरमान जारी किया है, जिससे जोरदार अटकलें लगाई जा रही हैं कि राज्य में एक और महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम के तहत नीतीश बीजेपी को छोड़ राजद-कांग्रेस के साथ मिल कर सरकार बना सकते हैं।
एक महीने में नीतीश ने BJP से बनाई दूरी
गौरतलब है कि 17 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में तिरंगे को लेकर देश के सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई गई थी, मगर नीतीश कुमार इस बैठक में शामिल नहीं हुए। उसके बाद 22 जुलाई को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदाई भोज में भी नीतीश कुमार को आमंत्रित किया गया था, मगर वे उस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।
इसके साथ ही, 25 जुलाई को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में भी नीतीश कुमार को आमंत्रित किया गया था, मगर वे नहीं गए। 7 अगस्त यानि कल भी नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया गया था,मगर वह इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे।
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