SaatRang : ताजमहल व टाटा अस्पताल में तुलना से फैला रहे नफरत
सुबह-सुबह दो वाट्सएप ग्रुपों में दो नफरती मैसेज मिले। एक में ताजमहल से सुंदर टाटा अस्पताल को बताया। दूसरे में महंगाई के खिलाफ बोलने पर लाठी मारने की बात।
कुमार अनिल
आपके दिमाग में दो तरह से नफरत घोली जा रही है। एक बहुत महीन ढंग से, जिसमें साधु स्वभाव वाले पढ़-लिखे लोग भी फंस जाते हैं तथा दूसरा बिल्कुल नंगे ढंग से, जिसमें महंगाई के लिए चार बीवियां और 40 बच्चे को जिम्मेदार बताया जाता है। कमाल यह है कि दूसरे मैसेज में एक हिंदू महिला का चेहरा उग्र बनाकर दूसरे धर्म की महिलाओं के खिलाफ नफरत परोसा गया है।
पहले ताजमहल और टाटा के अस्पताल वाले वीडियो की बात कर लें। वीडियो की शुुरुआत इस सवाल से होती है कि प्रेम क्या है? भूमिका ऐसी है, मानो प्रेम पर कोई आध्यात्मिक या दार्शनिक चर्चा होनेवाली है। फिर शाहजहां के ताजमहल और टाटा की कहानी साथ-साथ चलती है।
टाटा के संस्थापक जमशेदजी टाटा के बेटे दोराबजी ने अपनी पत्नी मेहरबाई को दुनिया का सबसे महंगा हीरा गिफ्ट किया। फिर मंदी के कारण टाटा उद्योग संकट में फंसा, तो मेहरबाई ने वह हीरा गिरवी रखकर कंपनी को बचाया। कंपनी फिर से पटरी पर आ गई। हीरा फिर से वापस आ गया। बाद में उनकी मृत्यु कैंसर से हो गई। फिर उसी हीरे को बेचकर टाटा ने कैंसर अस्पताल बनाया।
वीडियो बताता है कि दूसरी तरफ शाहजहां ने ताजमहल बनवाने के बाद हजारों कारीगरों के हाथ कटवा लिये। अब बताइए, एक ने प्रेम के लिए हाथ काटे और एक ने कैंसर अस्पताल बनाया। फिर कैंसर अस्पताल में जिंदगी पानेवालों की बातें हैं।
देखा आपने कितनी मासूमियत से ताजमहल को प्रेम नहीं, हिंसा का प्रतीक और शाहजहां को हिंसक साबित करने की कोशिश की गई है।
इस मामले में फैक्ट चेक करनेवाले आल्टन्यूज की रिपोर्ट जरूर पढ़िए। आजतक किसी इतिहासकार ने 20 हजार कारीगरों के हाथ काटने की बात न लिखी है और न ही कोई साक्ष्य है।
दूसरे वीडियो में एक उग्र महिला महंगाई के लिए चार बीवियां और 40 बच्चे को जिम्मेदार बताती है। फिर कहती है कि कौन कहता है कि महंगाई के लिए मोदी जिम्मेदार है, लाओ तो रे लाठी..।
वाट्सएप ग्रुपों में आनेवाले मैसेज और वीडियो देखकर उसे क्रास चेक करिए, वरना आपके दिमाग से बुद्धि-विवेक हटाकर उसकी जगह गोबर भर देने का अभियान चल रहा है।
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