राज्यसभा के नॉमिनेटेड सांसद सचिन तेंदुलकर कल अपनी बात कहने के लिए खड़े हुए लेकिन हंगामे के कारम वह अपनी बात नहीं रख सके. लेकिन तेंदुलकर ने अपनी बात फेसबुक पर कह डाली है जिसे बड़ी संख्या में देखा और सुना जा रहा है.
तेंदुलकर ने कहा कि हमें स्पोर्ट लविंग देश से अब स्पोर्ट प्लेइंग नेशन बनन होगा. 2010 तक भारत दुनिया भर में सबसे ज्यादा युवाओं का देश बन जायेगा. युवा का मतलब होता है सेहतमंद. अगर हम हेल्दी हैं तो हम अरबों रुपये का सहयोग भारत की इकोनामी में कर सकते हैं. हम जो खर्च इलाज पर करना पड़ता है उसे हम बचा सकते हैं. और देश की तरक्की में हिस्सेदारी कर सकते हैं. तेंदुलकर ने कहा कि हमने अपने पिता से, जो एक लेखक और कवि रहे हैं, यही सीखा है कि हमें जो करने की इच्छा हो वही करना चाहिए.
तेंदलकर ने कहा हमें खेलने की आजादी चाहिए. खेलने का हक चाहिए. लेकिन पिछले कुछ सालो में देश और दुनिया के हालात बदले हैं. मोबाइल ने हमें इम्मोबाइल यानी सुस्त बना दिया है. भारत में डायबिटिज मरीजों की बढ़ती संख्या चिंताजनक है. तेंदुलकर ने कहा कि उत्तर पूर्व के छोटे राज्य की आबादी देश की कुल आबादी का महज चार प्रतिशत है लेकिन वहां स्पोर्ट फ्रेंडली माहौल है. इसकार हमने वहां कई हीरो पैदा किये. मेरिकाम, वाइचिंग भुटिया समेत अनेक खिला़ड़ियों के नाम उन्होंने गिनाये. सचिन ने कहा कि मैं कल संसद) यही कहना चाहा पर कह नहीं पाया. लेकिन मैं यहां अपनी बात कहना चाहता हूं.
तेंदुलकर ने कहा कि भारत का हमारा विजन है- हेल्दी एंड फिट इंडिया बनाना. पर हमारे हेल्दी होने का सेशन लाइट होता जा रहा है और खाने का सेशन लाइट होता जा रहा है. हमें यह आदत बदलनी होगी. हमें देश में स्पोर्टिंग कल्चर डेवलप करने की जरूरत है.