SC : महाराष्ट्र में गवर्नर का फैसला असंवैधानिक था
SC ने कहा महाराष्ट्र में गवर्नर का फैसला असंवैधानिक। हद तो यह है कि भाजपा इसे अपनी जीत बता रही। राजद ने ‘संघी नैतिकता’ को रगड़ दिया। इस्तीफे की मांग उठी।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि उद्धव ठाकरे की सरकार के खिलाफ महाराष्ट्र में गवर्नर का फैसला असंवैधानिक था। कोर्ट ने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे ने चूंकि इस्तीफा दे दिया था, इसलिए वे अब कुछ नहीं कर सकते। साफ है अगर इस्तीफा नहीं दिया होता, तो भाजपा सरकार अवैध घोषित होती। याद रहे जब उद्धव की पार्टी के कई विधायकों ने उद्धव का साथ छोड़कर भाजपा से हाथ मिला लिया, तो बिना अविश्वास प्रस्ताव के ही उद्धव ने नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री का पद छोड़ दिया था। उनका ऐसा करना सही था। इसी वजह से आज महाराष्ट्र में ठाकरे के प्रति सहानुभूति दिख रही है। कोर्ट के कथन के बाद बाद भाजपा और शिंदे की सरकार के बने रहने का कोई नैतिक आधार नहीं है, लेकिन अब भाजपा से किसी नैतिकता की उम्मीद नहीं की जा सकती। नैतिकता होती तो वह चुनी हुई सरकार को हर तिकड़म भिड़ाकर तोड़ती नहीं। हद तो यह है कि भाजपा इसे अपनी जीत बता रही। इस बीच महाराष्ट्र में शिंदे सरकार से इस्तीफे की मांग उठ गई है। शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरेे तथा एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भाजपा और शिंदे की सरकार से इस्तीफे की मांग की है।
इधर राजद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले में जिस प्रकार राज्यपाल की भूमिका को असंवैधानिक बताया गया, उसके बाद भाजपा और संघ पर बड़ा हमला किया। पार्टी ने गवर्नर पद के औचित्य पर ही सवाल उठाया है। राजद ने कहा-यह पद बनाया ही क्यों गया है? तानाशाह के इस दौर में ऐसे पद बैठे कुछ संघी मानसिकता के गुलाम व्यक्ति लोकतंत्र और लोकलाज की धज्जियाँ उड़ाने लग जाते है।
भाजपा की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। भले ही उसकी सरकार बच गई, लेकिन उद्धव ठाकरे अब महाराष्ट्र के हर जिले में जाएंगे। उनके प्रति पहले से सहानुभूति थी, जो अब बढ़ जाएगी। यह स्थिति 2024 लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की दृष्टि से अच्छी नहीं है। हाल में एनसीपी को तोड़ने की भाजपा की कोशिश असफल हुई है। महाराष्ट्र में राजनीति गरमाने वाली है।
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