सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों पर रोक लगाई, क्या होगा आगे
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में चल रहे किसान आंदोलन पर आज सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। क्या रुक जाएगा किसान आंदोलन?
आज सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने तीन कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी है। साथ ही चार सदस्यों की एक कमेटी बनाई है, जो किसान नेताओं से बात करके समस्या का समाधान खोजेगी। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या किसानों का आंदोलन खत्म हो जाएगा?
किसान नेताओं को पहले ही लग रहा था कि देश की सबसे बड़ी अदालत किसान आंदोलन खत्म करने के लिए कोई कमेटी बना सकती है। हुआ भी ऐसा ही, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा के कई नेताओं ने आगे आकर कहा कि कमेटी बनाना समस्या का हल नहीं है। जबतक सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं लेती, तबतक आंदोलन जारी रहेगा। किसान संगठनों ने यह भी साफ कर दिया है कि वे कोर्ट द्वारा बनाई किसी कमेटी का हिस्सा नहीं बनेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि कमेटी में शामिल लोग पहले से ही इन कृषि कानूनों का समर्थन करते रहे हैं। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने बयान जारी करके कोर्ट की इस पहल को मानने से इनकार कर दिया है।
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इसके साथ ही किसानों का संघर्ष एक नए दौर में पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसान आंदोलनकारियों को सहयोग करना होगा, वहीं किसान नेताओं ने इसे मानने से इनकार कर दिया है। कमेटी में भारतीय किसान यूनियन के भूपिंदर सिंह मान, शेतकारी संगठन के अनिल गनवाट, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और डा प्रमोद कुमार जोशी शामिल हैं। किसान आंदोलन के एक प्रमुख नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि ये सरकारी कमेटी है। इसमें शामिल सभी लोग कृषि कानूनों के समर्थक हैं।
इधर बिहार के कई किसान नेताओं ने बताया कि वे केंद्रीय नेतृत्व के दिशा-निर्देश का इंतजार कर रहें हैं।