ट्विटर पर #मोदीहीडकैतहै और #राष्ट्रपुरुषमोदी_जी में घमासान
आज ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी समर्थक और विरोधियों में संग्राम छिड़ा है। #मोदी_ही_डकैत_है और #राष्ट्रपुरुष_मोदी_जी पर सुबह प्रतियोगिता जारी है। कौन है आगे?
किसानों के धरना स्थल दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर दो दिन पहले भाजपा समर्थकों ने किसानों के विरुद्ध नारेबाजी की, तब से किसानों का तेवर और भी तीखा हो गया है। बाद में पहले भाजपा समर्थकों ने किसानों पर और फिर किसानों ने भी भाजपा समर्थकों पर थाने में मुकदमा किया है। आज सुबह 7 बजे किसान एकता मोर्चा ने ट्विटर पर #मोदी_ही_डकैत_है अभियान की शुरुआत की। देखते-देखते यह नंबर वन पर ट्रेंड करने लगा।
कुछ देर बाद भाजपा समर्थकों ने #राष्ट्रपुरुष_मोदी_जी कैंपेन शुरू किया। खबर लिखे जाने तक मोदी ही डकैत है हैशटैग के साथ 1.80 लाख ट्विट हो चुके थे, जबकि राष्ट्रपुरुष मोदी जी हैशटैग के साथ 60 हजार ट्विट हुए हैं। इस प्रकार अबतक मोदी विरोधी किसान बहुत भारी हैं। मोदी समर्थकों से विरोधी तीनगुना आगे चल रहे हैं।
आज सुब सात बजे किसान एकता मोर्चा ने मोदी ही डकैत है हैशटैग से पहला ट्वीट किया। मोर्चा ने लिखा-जब हजारों किसान धूप और बारिश के बावजूद सड़क पर टिके हैं, तब उनके साथ देश का विकास करनेवाली मोदी सरकार ने सबसे बड़ी शरारत की। किसानों पर हमला, बिजली, इंटरनेट कनेक्शन काट देना, निर्दोष को परेशान करना, झूठे आरोप लगाना और गंदे तिकड़म करना केवल यही सब मोदी सरकार के पास बचे हैं। सात महीने से किसान टेंट में रह रहे हैं।
मोर्चा ने कहा-कभी हमें आतकवादी कभी कातिल कभी देश दरोही और कभी कुछ। और असल में यह सब सही है मोदी जी के ऊपर, सभी ने देखा है की कितनी बार हमारे ऊपर अटैक करवाए गए, हमारे खिलाफ प्रोपोगंडा चला रहे है। हमे डकैत बोला जाता है। लेकिन सच आप के सामने है। किसान एकता मोर्चा के इस ट्विट के बाद से अब तक किसानों के पक्ष में और मोदी सरकार के खिलाफ ट्विट की बाढ़ थम नहीं रही है। इसमें तीन कृषि कानूनों को रद्द करने से लेकर महंगाई, बेरोजगारी सभी तरह के मुद्दे हैं।
दूसरी और प्रधानमंत्री मोदी के समर्थक प्रधानमंत्री के विभिन्न पोजवाले फोटो ट्विट कर रहे हैं। इसमें मोदी के फौजी ड्रेस पहने तस्वीर कई लोगों ने शेयर की है। कुछ बता रहे हैं कि प्रधानमंत्री ने कितने किमी रेलवे लाइन का बिजलीकरण किया। अनेक लोगों ने ललाट पर चंदन लपेटे मोदी की तस्वीर शेयर की है।
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एक साल पहले तक स्थिति भिन्न थी। मोदी समर्थक सोशल मीडिया पर पहले कोई चीज ट्रेंड कराते थे, बाद में जवाब में ट्रेंड शुरू होता था। हर बार समर्थक ही भारी दिखते थे। जबसे किसान आंदोलन शुरू हुआ है, स्थिति बदल गई है। अब पहले विरोधी शुरू करते हैं और बाद में जवाब में समर्थक उतरते हैं।
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