UN, US, अंतरराष्ट्रीय संगठन दानिश की मौत से दुखी, भारत मौन

UN, US, कई अंतरराष्ट्रीय संगठन, अफगानिस्तान सहित अनेक देश भारत के पत्रकार दानिश की मौत पर दुख जता रहे हैं, लेकिन भारत चुप्प है। क्यों?

दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित भारत के फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी अफगानिस्तान में तालिबानी हमले में शहीद हो गए। तालिबान और अफगान सरकार दोनों ने उनकी मौत पर दुख जताया। अफगान राष्ट्रपति मो. अशरफ गनी ने खुद दानिश की मौत पर दुख जताया।

दानिश की मौत पर दुनियाभर से शोक संदेश जारी किए जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के मिशन महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक ने दानिश की मौत पर दुख जताते हुए जांच की मांग की। अमेरिका ने भी आधिकारिक रूप से दुख जताया। एमनेस्टी इटंरनेशनल ने भी शोक जताया है।

दानिश की मौत से अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों में रोष है। न्यूयार्क की संस्था कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (CPJ) ने अफगान सरकार से अविलंब जांच की मांग की है। पत्रकारों की वैश्विक संस्था International Press Institute (IPI) ने दानिश की मौत को पत्रकारिता जगत की बड़ी क्षति बताया। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दुख में दानिश के परिजनों, मित्रों के साथ संवेदना जताई। कहा, वे सत्य को उजागर करनेवाले साहसी पत्रकार थे। Reporters without Borders (RSF) ने कहा कि पिछले एक दशक में 937 पत्रकारों की हत्या की गई। सिर्फ अफगानिस्तान में तीन वर्षों में 65 पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता मारे गए।

इधर, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अबतक दानिश की मौत पर न तो दुख जताया और न ही अफगान सरकार से कुछ कहा। प्रधानमंत्री मोदी पत्रकार रोहित सरदाना की मौत पर दुख जता चुके हैं, लेकिन दानिश की मौत पर उनकी चुप्पी सोशल मीडिया में सवाल बन गया है।

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बेस्ट टीचर का अवार्ज पा चुके एस राजशेखर ने ट्वीट किया- गृह मंत्री सहित पूरी कैबिनेट ने अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर ट्वीट किया, लेकिन दानिश की मौत पर जीरो ट्वीट! उन्होंने एक कार्टून भी शेयर किया है, जिसमें दानिश आकाश में विदा होते देख रहे हैं और भारत माता कह रही है कि आज हमने अपनी आंखें खो दीं।

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