उन्मादी मनीष कश्यप भेजा गया बेऊर जेल, तमिलनाडु पुलिस भी पीछे
बिहार और तमिलनाडु में तनाव फैलाने की कोशिश करने वाला उन्मादी मनीष कश्यप को कोर्ट से बेल नहीं मिली। भेजा गया बेऊर जेल, पटना। तमिलनाडु पुलिस भी पीछे।
बिहार और तमिलनाडु में तनाव फैलाने की कोशिश करने वाला, फर्जी वीडियो बनाने वाला मनीष कश्यप मंगलवार को बेऊर जेल भेज दिया गया। स्थानीय अदालत में उसकी जमानत की अर्जी खारिज हो गई। इस बीच तमिलनाडु पुलिस ने भी कोर्ट में पूछताछ के लिए रिमांड पर लेने की अर्जी दाखिल की है। तमिलनाडु में भी उस पर मामले दर्ज हैं। कानून के जानकारों का कहना है कि उसे तमिलनाडु पुलिस भी पूछताछ करेगी। सच है, कभी हिंदू-मुस्लिम, कभी बिहार-तमिलनाडु में नफरत फैलाने वालों का यही अंजाम होता है।
मनीष कश्यप ने अपने फर्जी वीडियो से न जाने कितने लोगों के दिमाग में नफरत का जहर बो दिया। उसने बिहार के लोगों की बुद्धि-विवेक को भ्रष्ट करने की कोशिश की, लेकिन सच्चाई खुलते ही उसे राजनीतिक संरक्षण देनेवाले भाग खड़े हुए। बिहार का कोई भी प्रतिष्ठित व्यक्ति उसके साथ नहीं है, हां कुछ नफरती चिंटू जरूर अल-बल बोल रहे हैं। कुछ तो उसे बिहार का भावी मुख्यमंत्री भी बता रहे हैं।
इस मामले में बिहार पुलिस ने जिस प्रकार तत्परता से कार्रवाई करके मनीष कश्यप का पर्दाफाश किया, उससे जरूर बिहार के उन युवाओं को जो मेहनत-ईमानदारी के बजाय नफरत की दुकान सजा कर जल्दी शोहरत और धन पाने चाहते थे, उन्हें भी सबक मिली है। ऐसे लोग कुछ दिन तक तो अपना धंधा चला लेते हैं, लेकिन इनका धंधा ज्यादा दिन नहीं चलता।
तमिलनाडु और बिहार में मनीष पर 10 मुकदमे दर्ज हैं। बिहार पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई ने शिकंजा कस दिया है। बिहार पुलिस को मनीष का मोबाइल अभी तक नहीं मिला है। इससे भी जाहिर होता है कि उसमें ऐसा कुछ है, जिससे उसकी मुश्किल बढ़ जाएगी। ईमानदार आदमी होता , तो अपना मोबाइल पहले दिन ही पुलिस को सौंप देता। पुलिस उसके मोबाइल का पता लगाने में जुटी है। जिन लोगों ने मोबाइल छुपाने में मदद की है, उनका भी फंसना तय है।
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