वैक्सीन के प्रति अविश्वास फैला रहे रामदेव, मामला दर्ज
रामदेव के खिलाफ मामला अब पुलिस में पहुंचा। आईएमए ने कंप्लेन में कहा- वैक्सीन के प्रति अविश्वास फैला रहे रामदेव। देशद्रोह का मामला दर्ज करने की भी की मांग।
पतंजलि प्रोडक्ट के प्रचारक रामदेव के खिलाफ पहली बार इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने पुलिस में लिखित कंप्लेन की है। देशभर के डॉक्टरों के संगठन आईएमए के महासचिव डॉ. जयेश लेले ने नई दिल्ली के आईपी स्टेट पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है।
डॉ. लेले ने लिखित कंप्लेन में कहा-स्वामी रामदेव देश में चल रहे टीकाकरण अभियान के प्रति लोगों में अविश्वास पैदा कर रहे हैं। रामदेव ने खुद भी टीका नहीं लिया है। वे सरकारी सेवकों को अपनी ड्यूटी निभाने में बाधा पैदा कर रहे हैं। यह आीपीसी की धारा 186 के तहत मामला बनता है। रामदेव गैरजिम्मेवार, झूठ, बदनाम करनेवाले अफवाह फैला रहे हैं।
संगठन ने कहा कि रामदेव उन दवाओं को कोरोना से बचाव के लिए प्रचार कर रहे हैं, जिसका अनुमोदन भारत सरकार के किसी संगठन ने नहीं किया है। रामदेव डॉक्टरी पेशे के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं।
इससे पहले आईएमए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर रामदेव के खिलाफ देशद्रोह का मुदकमा दर्ज करने की मांग की है। संगठन ने कहा कि रामदेव भारत सरकार द्वारा कोविड के इलाज के लिए तय प्रोटोकॉल के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं। वैक्सीन के खिलाफ भ्रम फैला रहे हैं, जो देश की करोड़ों जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ है।
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आईएमए ने पीएम को लिखे पत्र में कहा है कि वैक्सीन ले चुके सिर्फ 0.06 प्रतिशत लोग ही वैक्सीन लेने के बाद कोरोना की चपेड में आए हैं। यह प्रमाणित है कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन कारगर है, फिर भी रामदेव वैक्सीन का मजाक उड़ा रहे हैं।
संगठन ने कहा कि पहली लहर में 753 और दूसरी लहर में 513 डाक्टरों की जान गई। वहीं रामदेल कह रहे हैं कि दोनों डोज लेने का बाद 10 हजार डॉक्टर मर गए। यह झूठा प्रचार वैक्सीनेशन को बाधित करने का प्रयास है।