योग करने वाला व्यक्ति सदा स्वस्थ रहता है। वर्तमान समय की जीवन शैली के कारण लोगों को बीमारियों ने घेर लिया है। इसलिए बीमारियों से बचने का एक मात्र उपाय योगासन है। उन्होंने विभिन्न योगासन के जरिए गंभीर से गंभीर बीमारियों से दूर रहने के टिप्स दिये।

बिहार शरीफ संवादाता संजय कुमार

बिहारशरीफ । योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा है कि अगर सिर्फ यह 12 आसन रोज किये जायें तो कोई भी मनुष्य स्वस्थ्य रह सकता है। रामदेव ने कहा कि योग करने से व्यक्ति को निरोगी काया मिलती है। योग करने से अच्छे विद्यार्थी, अच्छे सीएम, अच्छे पीएम बनते हैं, इसलिए हर मनुष्य को प्रतिदिन योग करना चाहिए।
स्थानीय दीपनगर स्टेडियम में योग-विज्ञान एवं ध्यान शिविर के दूसरे दिन लोगों को योग, प्राणायाम कराते हुए बीच-बीच में अपने उद्बोधन में रामदेव ने कहा कि नियमित रूप से योग करने से मन और दिमाग में अच्छे-अच्छे विचार आते हैं। योग करने वाला व्यक्ति सदा स्वस्थ रहता है। वर्तमान समय की जीवन शैली के कारण लोगों को बीमारियों ने घेर लिया है। इसलिए बीमारियों से बचने का एक मात्र उपाय योगासन है। उन्होंने विभिन्न योगासन के जरिए गंभीर से गंभीर बीमारियों से दूर रहने के टिप्स दिये।
सूर्य उदय से पहले ही मंच पर पहुंच चुके बाबा रामदेव का वर्षा की बूंदों से स्वागत हुआ। पानी के फुहारों के बीच पांच से सात बजे तक उन्होंने हजारों लोगों को वज्रासन, मंडुकासान, वक्रासन या अर्ध मत्स्येन्द्रासन, गोमुखासन, मकरासन, भुजंगासन, मरकटासन, मयूर आसन, शीर्षासन, पदासन, नौकासन, पवन मुक्त आसन, दंड आसन, प्राणायाम, शशक आसन, योग मुद्रा आसन, गोमुख आसन, कपाल भाती, अनुलोम-विलोम आसन, चक्रदंड आसन आदि योग की क्रियाएं करायी।
बूंदा-बूंदी के बावजूद हजारों की संख्या में महिलाएं, पुरुष और युवा योग करने के लिए पहुंचे। रामदेव ने हाई ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, हृदय रोग, पेट से संबंधित समस्याओं, कैंसर सहित विभिन्न बीमारियों से बचाव और स्वस्थ रहने के योगासन कराये।
उन्होंने कहा कि योग विद्या भारत की हजारों साल पुरानी विद्या है। वर्तमान में मनुष्य के शरीर पर हर तरफ से रोग हमला कर रहे हैं। रोगों से बचने के लिए योग की अति आवश्यकता है। योग करने से मनुष्य के शरीर में रोग नहीं होगा। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि बचपन से ही अपने बच्चों को योग करने की आदत डालें। वर्तमान में मिलावटी खाद्य पदार्थों के कारण गंभीर बीमारियां हो रही हैं। इनसे बचने का एकमात्र उपाय योग है।
उन्होंने कहा कि मनाव-जीवन में नीरोग देह और स्वास्थ मन प्रात्त करने के लिए आयुर्वेद का प्रादुर्भाव हुआ है, जो आज भी विद्यमान है। शरीर के आन्तरिक मलों एवं दोषों को दूर करने तथा अन्त:करण की शुद्धि करके समाधि द्वारा पूर्णानन्द की प्राप्ति हेतु ऋ षि तथा सिद्ध योगियों ने यौगिक प्रक्रिया का अविष्कार किया है।
रामदेव ने कहा की भारत की महिमा योग से थी। भगवान बुद्ध योगी थे, मनुष्य को योगी बनना है, तो गुरु के पास जाना ही पड़ेगा। मन के तार को गुरु से जोडऩा पड़ेगा। भारत का तीर्थ है नालंदा का खंडहर,भारत के प्रत्येक विद्यार्थी को नालंदा के अतित और वर्तमान से शिक्षा लेना चाहिए तथा नालंदा के गौरवशाली अतित को जानना चाहिए।
रामदेव ने कहा कि गिलोए की बेल का रस पीकर व्यक्ति अपने शरीर में रोगों से लडऩे की क्षमता बढ़ा सकता है। नियमित गिलोए का रस पीने वाले व्यक्ति को कैंसर, बुखार, नजला, खांसी आदि बीमारियों की कभी समस्या नहीं होगी। इससे व्यक्ति वृद्धावस्था में भी पूरी तरह स्वस्थ रहेगा। इसके साथ ही पेट से संबंधित बीमारियों को दूर करने के लिए एलोवेरा का सेवन करें।

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