राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आज कहा कि कौशलयुक्त युवा शक्ति ही न्यू इंडिया के सपने को साकार करेगी। श्री मलिक ने ज्ञान भवन में बिहार कौशल विकास मिशन की ओर से आयोजित ‘विश्व युवा कौशल दिवस’ का उद्घाटन करने के बाद कहा, “कौशल-उन्नयन इंसान का मूल्य-संवर्द्धन है। इससे व्यक्ति की गुणवत्ता विकसित होती है। कौशलयुक्त युवा शक्ति ही न्यू इंडिया के सपने को साकार करेगी।”

राज्यपाल ने कहा कि कौशल-उन्नयन से इंसान का आत्मविश्वास मजबूत होता है। उन्होंने कहा कि देश एवं विशेषकर बिहार में कौशल को शुरू से महत्त्व मिला है। वैशाली का ‘अशोक स्तंभ’ कौशल का अद्भुत नमूना है। उन्होंने पुष्कारिणी तालाब का उल्लेख करते हुए उसकी स्थापना को भी एक मिसाल बताया।  श्री मलिक ने कहा कि ‘बाबरनामा’ में भी बाबर ने भारत के हुनरमंद कारीगरों की खूब तारीफ की है।

राज्यपाल ने अधिकारियों से कहा कि बाजार की मांग का लगातार सर्वेक्षण करते हुए कौशल-उन्नयन के क्षेत्रों का चयन होना चाहिए। उन्होंने विश्व युवा कौशल दिवस’ के अवसर पर छह उत्कृष्ट विभागों कृषि, नगर विकास, समाज कल्याण, सूचना प्रौद्योगिकी, विज्ञान एवं प्रावैधिकी तथा स्वास्थ्य विभाग के सचिवों एवं प्रधान सचिवों तथा शेखपुरा, मुंगेर, रोहतास, समस्तीपुर, बेगुसराय एवं बांका के जिलाधिकारियों को डोमेन स्कीलिंग में बेहतर प्रदर्शन करने तथा ‘सात निश्चय’ में से एक आर्थिक हल-युवाओं को बल के तहत अधिक पंजीकरण, कार्यक्रम के बेहतर संचालन तथा युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए विशेष प्रयास करने के मद्देनजर स्मृृति चिह्न एवं प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित भी किया।
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि गरीबी दूर करने के लिए रोजगार जरूरी है और रोजगार के लिए हुनरमंदी आवश्यक है। उन्होंने श्रमिकों को सम्मान देने की वकालत करते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का भी स्मरण किया और कहा कि गांधीजी कामगारों और कारीगरों के बल पर ही ‘स्वदेशी’ का प्रचार-प्रसार चाहते थे।

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