बदलती राजनीति : पहली बार चिराग के घर पहुंचे राहुल गांधी

आज पहली बार चिराग पासवान राहुल गांधी के साथ दिखे। लोजपा के संस्थापक स्व. रामबिलास पासवान की पहली पुण्य तिथि पर चिराग पासवान के आवास पर दोनों मिले।

चिराग पासवान के घर पहुंचे राहुल गांधी

कुमार अनिल

प्रधानमंत्री मोदी और अमित साह के करीब रह चुके चिराग पासवान जब मुश्किल में थे, तब दोनों ने उनकी कोई मदद नहीं की। चिराग की पार्टी टूट गई या तोड़ दिया गया। चुनाव चिह्न बंगला भी नहीं रहा। इसके बावजूद चिराग ने हार नहीं मानी है, वे लगातार बिहार की जनता के बीच जा रहे हैं।

कुछ दिन पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा था कि चिराग में बहुत संभावना है। उनके साथ ही पार्टी का जनाधार है। उन्होंने इच्छा जताई थी कि तेजस्वी और चिराग साथ आएं। क्या लालू प्रसाद की इच्छा पूरी होगी? क्या चिराग यूपीए का हिस्सा बनेंगे? यहां एक बात ध्यान देने की है, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्व रामबिलास पासवान के लिए एक शब्द ट्वीट तक नहीं किया है।

आज स्व. रामबिलास पासवान की पहली पुण्य तिथि पर पहली बार कोई राष्ट्रीय स्तर के नेता राहुल गांधी के रूप में पहुंचे। राहुल जब चिराग के दिल्ली स्थित आवास 12, जनपथ पहुंचे, तो चिराग ने उन्हें दरवाजे पर पहुंच कर साथ दिया। फिर दोनों साथ चलते हुए कार्यक्रम स्थल तक पहुंचे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्व. रामबिलास पासवान को श्रद्धांजलि दी।

इसी के साथ यह चर्चा तेज हो गई कि क्या चिराग पासवान यूपीए का हिस्सा बनकर अपना संघर्ष जारी रखेंगे। प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह से उन्हें बहुत उम्मीद थी, पर अब यह स्पष्ट हो चुका है कि एनडीए में उनके लिए कोई जगह नहीं है।

एनडीए का दरवाजा बंद होने के बाद चिराग के पास तीन विकल्प ही हैं। वे प्रधानमंत्री मोदी के प्रशंसक बन कर पहले की तरह अकेले काम करते रहें। दूसरा, वे भाजपा और कांग्रेस दोनों से फिलहार दूरी बनाकर अकेला अपना रास्ता तैयार करें और तीसरा वे यूपीए का हिस्सा बनकर अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत करें।

पहले विकल्प का चिराग को कोई लाभ नहीं मिलने वाला। अब देखना है बाकी के दो विकल्पों में चिराग क्या चुनते हैं।

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