प्रिय भाइयो एवं बहनो,

18 वीं लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। बिहार के कुल 40 सीटों के लिए सात चरणों में चुनाव होगा। जो 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून, 2024 तक चलेगा। चूंकि बिहार की पावन धरती अपने इंकलाबी परिवर्तन के लिए विश्व प्रसिद्ध है। बिहार ने सदा देश–प्रदेश को दशा बदलने के लिए सदैव दिशा दिखाने का कार्य किया है और यह पुनीत कार्य करने वालों की श्रृंखला में 2000 के बाद सार्थक परिवर्तन के लिए श्री नीतीश कुमार का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। विशेष रूप से 1990 के बाद की छवि के जंगल राज को मंगलमय करने में श्री नीतीश कुमार की अनुकरणीय योगदान को इतिहास कभी नहीं भुला पाएगा।

नीतीश कुमार बिहार के ऐसे सपूत हैं, जिन्हें 20 वर्षों तक राज्य का नेतृत्व संभालने के साथ केंद्र के सड़क तथा रेल जैसे महत्वपूर्ण विभागों का भी अनुभव प्राप्त है। इन्होंने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में सामाजिक सुरक्षा के सफल संचालन के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, रोजगार के अतिरिक्त महिलाओं को राजनीति में 50 प्रतिशत आरक्षण का सौभाग्य प्राप्त है। इन्होंने बिहार में बहार लाने का अनथक प्रयास किया है। इनकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ये जहां भी रहे अपनी विकासशील सोच के साथ कभी भी समझौता नहीं किया। इनका 2005 का चुनाव घोषणापत्र इनके करनी एवं कथनी का एक खुशनुमा गुलदस्ता है। इन्होंने अपने उक्त घोषणापत्रों में 10 प्लस वन इक्वल यू एलेवन सूत्री कार्यक्रम अल्पसंख्यकों के परस्पर विकास के लिए सुरक्षित रखा था। जिसमें इन्होंने पहली बार धारा 341 से वंचित दलित मुस्लिम के लिए कुछ करने का न केवल वादा किया था, बल्कि इसे वास्तविक रूप देने का भी प्रयास किया। धारा 341 के प्रश्नों को उठाने के लिए दो-दो सांसद दिए तथा इस वंचित मुसलमान को बुनियादी शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए तालीमी मरकज जैसे ड्रीम प्रोजेक्ट को अमल में लाया। जो बिहार में साक्षरता दर को ऊंचाई तक ले जाने का कारण बना। तथा महिलाओं के स्वर्णिम विकास के लिए हुनर एवं रोजगार योजनाओं द्वार हुनरमंद बनाया। आज इनके सपनों को साकार करने के लिए केंद्र में इनके हाथों को मजबूत करने की जरूरत है। अतः आप तमाम मतदाता भाइयों एवं बहनों से अपील है कि एनडीए के विशेष रूप से जदयू के उम्मीदवारों को अपना बहुमूल्य वोट देकर सफल बनाएं।

आस्था एवं विश्वास के साथ आपका

मो. शहजाद

प्रदेश उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता अल्पसंख्यक जदयू

पूर्व सांसद Ashfaque Karim राजद छोड़ जदयू में हुए शामिल

By Editor