राष्ट्रपति का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान, 19 दल करेंगे बहिष्कार

राष्ट्रपति मूर्मू से संसद भवन का उद्घाटना न कराना प्रधानमंत्री मोदी को महंगा पड़ गया। 19 दलों ने प्रधानमंत्री के कदम को लोकतंत्र पर हमला कहा। आगे क्या होगा?

कुमार अनिल

पिछले नौ साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस तरह कभी नहीं फंसे थे। वे जो करते, सब ठीक। विपक्ष ने सवाल उठाया भी तो गोदी मीडिया शोर मचा कर शांत कर देता था। लेकिन इस बार राष्ट्रपति का अपमान मुद्दा बन गया है। 19 दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा कर दी है। इन दलों में कांग्रेस, राजद, जदयू, तृणमूल कांग्रेस, सपा, आप, सभी वाम दल सहित क्षेत्रीय दल शामिल हैं। नीचे सभी दलों के नाम हैं।

इन दलों ने बुधवार को एक संयुक्त प्रेस बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रपति मूर्मू को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए नए संसद भवन का उद्घाटन करने का प्रधानमंत्री मोदी का निर्णय न केवल एक गंभीर अपमान है, बल्कि हमारे लोकतंत्र पर सीधा हमला है।

भारत के संविधान के अनुच्छेद 79 में कहा गया है कि संघ के लिए एक संसद होगी, जिसमें राष्ट्रपति और दो सदन होंगे जिन्हें क्रमश राज्यों की परिषद और लोगों की सभा के रूप में जाना जाएगा। राष्ट्रपति न केवल भारत में राज्य का प्रमुख होता है, बल्कि संसद का एक अभिन्न अंग भी होता है। वह संसद को बुलाती है, सत्रावसान करती है और संबोधित करती है। संक्षेप में राष्ट्रपति के बिना संसद कार्य नहीं कर सकती। फिर भी प्रधानमंत्री ने उनके बिना में संसद भवन का उद्घाटन करने का निर्णय लिया है। यह अशोभनीय कार्य राष्ट्रपति के पद का अपमान करता है और संविधान के पाठ और भावना का उल्लंघन करता है। यह सम्मान के साथ सबको लेकर चलने की भावना को कमजोर करता है जिसके तहत देश में अपनी पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति का स्वागत किया था।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि रेल का उद्घाटन और संसद के उद्घाटन में फर्क होता है। बेचारे रेल मंत्री दरकिनार करने पर बोलने की हिम्मत नहीं कर सके। खेड़ा ने कहाआप अपने मंत्रियों को दरकिनार करके हर जगह खुद फीता काटने पहुंच जाते हो। वो बेचारे एतराज नहीं कर पाते। लेकिन आप आदरणीया महामहिम का अपमान करके, संसद भवन का फीता खुद काटना चाहते हो, ये हमें स्वीकार नहीं है। हम आपके इस तमाशे के भागीदार नहीं बनेंगे, आपको शुभकामनाएं।

सवाल है कि आगे क्या, क्या 28 मई को राष्ट्रपति के अपमान और लोकतंत्र पर हमले के खिलाफ विपक्षी दल सड़क पर भी उतरेंगे?

By Editor