पटना हाईकोर्ट ने राज्य में दारोगा के 1717 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया मामले में राज्य सरकार और बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग को तलब किया और उनसे एक सप्ताह के अंदर जवाब देने को कहा गया. इससे पहले कोर्ट ने राज्य में दारोगा के 1717 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया के अंतिम परिणाम पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है.
नौकरशाही डेस्क
जस्टिस शिवाजी पांडेय की एकलपीठ ने दारोगा बहाली के लिए ली गयी प्रारंभिक और मुख्य लिखित परीक्षा में कथित अनियमितता और गड़बड़ी को लेकर दायर रिट याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए यह यह आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि इस बीच भर्ती प्रक्रिया की कार्रवाई जारी रहेगी, लेकिन इसका अंतिम रिजल्ट जारी नहीं किया जायेगा.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता चक्रपाणी और राजेश भारद्वाज ने अदालत को बताया गया कि प्रारंभिक व मुख्य लिखित परीक्षा के परिणाम घोषित करने से पहले आरक्षण के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है. प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के परिणाम में काफी गड़बड़ी की गयी है. प्रारंभिक परीक्षा में पिछड़ी जाति महिला वर्ग से एक भी अभ्यर्थी पास नहीं हुई थी, लेकिन जब मुख्य परीक्षा का परिणाम आया तो उसमें पिछड़ी जाति की 291 महिला अभ्यर्थियों के नाम शामिल थे. इतना ही नहीं, प्रारंभिक परीक्षा में अति पिछड़ा वर्ग की 222 महिलाएं पास थीं, लेकिन मुख्य परीक्षा में 222 की जगह 616 महिलाओं को अति पिछड़ा वर्ग से पास दिखाया गया है.
मालूम हो कि दारोगा के 1717 पदों पर बहाली के लिए बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग ने 16 सितंबर, 2017 को विज्ञापन निकाला था. प्रारंभिक परीक्षा इस वर्ष 13 मार्च और 15 अप्रैल को ली गयी थी. इसमें कुल 29,352 अभ्यर्थी पास हुए थे. मुख्य परीक्षा 22 जुलाई को हुई. इसमें 10,161 अभ्यर्थी पास हुए थे. अभी शारीरिक जांच परीक्षा की तिथि प्रकाशित नहीं की गयी है.