मध्यप्रदेश सरकार ने गैर आईपीएस पुलिस कर्मियों के इलाज के लिए एक ट्रस्ट के गठन को अंतिम रूप दे दिया है यह ट्रस्ट पुलिसकर्मियों के बेहतर इलाज करायेगा.
पुलिस जवानों की बीमारियों का इलाज पुलिस का ट्रस्ट कराएगा. इन कर्मचारियों को बाहर किसी अन्य अस्पताल में इलाज के लिए जरूरी मेडिकल कॉलेज के डीन की भूमिका को भी समाप्त कर दिया गया है. अब केवल सीएमएचओ की अनुशंसा पर ही पुलिसकर्मियों की गंभीर से गंभीर बीमारी का इलाज हो जाएगा.
कर्मचारी के इलाज के लिए पहले ट्रस्ट राशि खर्च करेगा और जब कर्मचारी को इस खर्च की प्रतिपूर्ति की राशि मिलेगी तो वह ट्रस्ट के खाते में चली जाएगी.इस पुलिस स्वास्थ्य योजना के जल्द ही आदेश जारी होने वाले हैं.
मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक केबिनेट के फैसले के बाद गृह विभाग ने पुलिस के नॉन आईपीएस अधिकारियों (अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक) से लेकर सिपाही तक की बीमारी के इलाज की स्वास्थ्य योजना के अंतिम रूप दे दिया है. इसके लिए गठित किए जाने वाले ट्रस्ट में पुलिस महानिदेशक को अध्यक्ष बनाया जाएगा तो आईजी कल्याण ट्रस्ट के सचिव होंगे. इनके अलावा ट्रस्ट में नौ और सदस्य रहेंगे जिनमें आईजी प्रशासन से लेकर अलग-अलग रैंक के अधिकारियों को शामिल किया जा रहा है. जोन स्तर पर ट्रस्ट के रीजनल आफीसर आईजी जोन को बनाया जा रहा है.ट्रस्ट के गठन की शुरूआत में पुलिस के वेलफेयर फंड की राशि का उपयोग किया जाएगा.
ट्रस्ट में योगदान
ट्रस्ट में आर्थिक रूप से सभी सदस्य सहायता करेंगे.हर सदस्य को पहली बार 100-100 रुपये का योगदान देगा. इसके अलावा ट्रस्ट के लिए किसी भी प्रकार की राशि नहीं ली जाएगी. ट्रस्ट में आईपीएस अधिकारियों को छोड़कर शेष सभी पुलिसकर्मियों को सदस्यता दी जाएगी.
साभार नई दुनिया