लगता है मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने चुनावी वर्ष में नयी तैयारी कर ली है, उन्होंने लड़कियों को मुफ्त उच्च शिक्षा के अलावा 9 महत्वपूर्ण घोषणा की है.
पंद्रहवीं विधान सभा के चार वर्ष पूरे हो गए। अगला पूरा एक वर्ष चुनाव का वर्ष रहेगा। सरकार घोषणाओं से मतदाताओं को आकर्षित करने का प्रयास करेगी तो विपक्ष उन्हीं घोषणाओं से सरकार के खिलाफ तथ्य जुटाने का प्रयास करेगा। इस क्रम की शुरुआत आज सीएम जीतनराम मांझी ने कर दी।
चुनावी वर्ष में वोटरों को आकर्षित करने के लिए कई कदम उठाए गए। जदयू सरकार के नौ वर्ष पूरे होने के मौके पर पटना में न्याय के साथ विकास यात्रा की रिपोर्ट जारी करने के बाद सीएम ने नौ घोषणाएं भी कीं, जिसमें सभी वर्गों खासकर युवाओं को आकर्षित करने का सजग प्रयास दिख्ता है।
मुफ्त में उच्च शिक्षा
मुख्यमंत्री ने अपनी पहली घोषणा में कहा कि अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्र-छात्राएं और अन्य वर्गों की छात्राओं के लिए उच्चतर शिक्षा निशुल्क किया जाएगा। इस पर आने वाले अतिरिक्त बोझ का वहन राज्य सरकार करेगी। लक्षित वर्ग के लिए नामांकन व शिक्षा शुल्क देय नहीं होगा। सीएम की दूसरी बड़ी घोषणा थी कि अधिकारियों व कर्मचारियों को पीपुल फ्रेंडली बनाने के लिए लोक संवेदना अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा और सम्मानपूर्ण व्यवहार अनिवार्य बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अपनी तीसरी घोषणा में कहा कि अनसूचित जाति व जनजाति के आवासीय विद्यालयों में बच्चों के आवासन की संख्या 28 हजार से बढ़ाकर एक लाख तक की जाएगी।
बोनस
सीएम ने किसानों को आकर्षित करते हुए कहा कि किसानों को बिजली कनेक्शन के विशेष अभियान चलाया जाएगा। इच्छुक किसानों को छह में बिजली कनेक्शन दिया जाएगा। इसके साथ ही धान की अधिप्राप्ति पर किसानों को 300 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने मुंगेर में वानिकी महाविद्याय खोलने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि उर्दू अकादमी का वार्षिक अनुदान बढ़ाकर तीन करोड़ कर दिया गया है। उन्होंने कानून व यातायात व्यवस्था की चर्चा करते हुए कहा कि एक लाख से अधिक आबादी पर एक यातायात थाना और दो लाख से अधिक आबादी पर डीएसपी कार्यालय खोले जाएंगे। अंत में मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग के सिपाही व हवलदारों को अब 12 महीने के बदले 13 महीने का वेतन मिलेगा। मुख्यमंत्री की सारी घोषणाएं बड़ी आबादी को छुने वाली है। यह निश्चित रूप से लोक लुभावना घोषणाएं हैं और इन्हें पूरा करना किसी भी सरकार के लिए चुनौती भरा काम है।