रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा विनिर्माण में निजी क्षेत्र की अधिक सक्रिय भागीदारी का आह्वान करते हुए कहा है कि इससे वर्ष 2025 तक भारतीय रक्षा उद्योग को 26 अरब डॉलर तक ले जाने के सरकार के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
श्री सिंह ने शुक्रवार को यहां 22वीं भारतीय अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा प्रदर्शनी (रक्षा एवं मातृभूमि सुरक्षा) में उद्योग जगत की हस्तियों को संबोधित करते हुए समावेशी विकास के साथ-साथ वर्ष 2025 तक देश को 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को दोहराया। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र इस लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। श्री सिंह ने कहा कि हमारा लक्ष्य एक ऐसा विश्वस्तरीय घरेलू रक्षा उद्योग बनाना है जो आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ आयात पर कम निर्भर हो।
रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि ‘न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन’ की मौजूदा व्यवस्था में सरकार सुविधाप्रदाता की भूमिका निभाती है तथा उद्योग जगत का कर्तव्य है कि वह मिल-जुलकर काम करे, ताकि ‘नये एवं मजबूत भारत’ के विज़न को साकार किया जा सके। उन्होंने उम्मीद जताई कि औद्योगिक साझेदार ठोस निवेश के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र से संबंधित प्रभावशाली तकनीकी प्रस्ताव लेकर आयेंगे।
श्री सिंह ने रक्षा उद्योग को आश्वस्त किया कि सरकार नये विचारों का स्वागत करती है और निजी क्षेत्र की उद्यमिता भावना एवं ऊर्जा का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘एक मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक के रूप में सरकार विभिन्न मुद्दों एवं समस्याओं पर भी स्पष्ट चर्चा करने के लिए तैयार है।’ उन्होंने विश्वास जताया कि भारतीय रक्षा उद्योग नई ऊंचाइयों को छुएगा और देश को प्रमुख रक्षा विनिर्माण केन्द्र में तब्दील करेगा। अगले वर्ष फरवरी में लखनऊ में आयोजित की जाने वाली रक्षा प्रदर्शनी में हिस्सा लेने के लिए भी उन्होंने देशी-विदेशी रक्षा निर्माताओं को आमंत्रित किया। रक्षा मंत्री ने कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के हाल के निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह कदम आर्थिक विकास एवं निवेश की गति बढ़ाने की सरकारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।