बिलकिस मामला : जमकर बोले राहुल, डर गए अरविंद केजरीवाल

तब मनमोहन सिंह पीएम थे। केजरीवाल ने कितने जोर से निर्भया मामला उठाया था, अब गैंगरेप के 11 अपराधियों की सजा माफ करने पर बोलती बंद। कौन-कौन नेता चुप हैं?

कुमार अनिल

अरविंद केजरीवाल गुजरात में अपनी पार्टी का विस्तार करने में लगे हैं। उसी गुजरात में स्तब्ध कर देने वाली घटना हुई है। बिलिकस बानो गैंगरेप और हत्या मामले के अपराधियों की सजा सरकार ने माफ कर दी। लेकिन अरविंद केजरीवाल की बोलती बंद है। ये वही केजरीवाल हैं, जिन्होंने निर्भया मामले को जोर-शोर से उठाया था। तब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है। क्या केजरीवाल आज की भाजपा और उसकी सरकार से डर गए? आखिर उनकी जुबान पर ताला क्यों लगा है?

देश के बड़े नेताओं में अकेले राहुल गांधी हैं, जिन्होंने इस मामले पर प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा- 5 महीने की गर्भवती महिला से बलात्कार और उनकी 3 साल की बच्ची की हत्या करने वालों को ‘आज़ादी के अमृत महोत्सव’ के दौरान रिहा किया गया। नारी शक्ति की झूठी बातें करने वाले देश की महिलाओं को क्या संदेश दे रहे हैं? प्रधानमंत्री जी, पूरा देश आपकी कथनी और करनी में अंतर देख रहा है।

देश के इतिहास में कोई दूसरा उदाहरण खोजना मुश्किल है, जब गैंगरेप और सात लोगों की हत्या के अपराधियों की सजा किसी सरकार ने माफ कर दी हो। गुजरात की सरकार ने बिलकिस बानो केस में ऐसा ही किया। जेल से निकलने के बाद इनकी आरती उतारी गई, मिठाई खिलाई गई।

सत्ता पक्ष से किसी को उम्मीद नहीं है, लेकिन विपक्ष के उन नेताओं से जरूर पूछा जाएगा, जो कहते हैं कि कांग्रेस कमजोर है और खुद को प्रधानमंत्री का दावेदार समझते हैं। क्या ये तभी बोलेंगे, जब सवाल किसी हिंदू महिला के स्वाभिमान का होगा? क्या पीड़िता का धर्म देख कर, जाति देखकर संवेदना जगेगी? क्या इसी तरह भारत महान बनेगा और क्या हम आगे कभी कह पाएंगे कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवताः ?

वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग ने साफ कहा-केजरीवाल में हिम्मत है तो गुजरात जाकर बिलकिस के अपराधियों की रिहाई का मुद्दा उठाएं। वे नहीं करेंगे। निर्भया का मामला उठाने के समय की मनमोहन सिंह सरकार इस समय नहीं है सत्ता में। मोदी से डर लगता है।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा-क्या crpc की धारा 435 के तहत गुजरात सरकार ने केंद्र की सहमति से 11 बलात्कारियों की रिहाई की? क्या 8 मई 2013 को समाप्त की गई 1992 की नीति के तहत किसी की रिहाई हो सकती है? जो मीडिया एक आवाज़ में निर्भया के दौरान कठोर क़ानून की माँग कर रहा था, बिलक़िस बानो पर वो चुप क्यूँ है?

रो पड़ी भारत माता! गैंगरेप के सजायाफ्ता निकले तो आरती उतारी

By Editor


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