CAA नागरिकता कानून का क्या हुआ हस्र, जानिए लीजिए हकीकत
नागरिकता संशोधन (CAA) विधयक के तहत नियमावली बनाने के लिये गृह मन्त्रलय ने छठी बार समय विस्तार की अनुमति संसदीय समिति से मांगी है।
किसी कानून के लागू करने के लिये छह महीने के अंदर नियमावली बनाने में सरकार विफल रहती है तो उसे संसदीय समिति से अनुमति लेनी पड़ती है।
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन विधयक 2019 में पास हुआ था। बीते 2 वर्षों में इस कि नियमावली नहीं बनने के कारण अभी इस कानून को लागू नहीं किया जा सका है। बीते दिनों इस अवधि विस्तार की समय सीमा समाप्त होने पर गृह मंत्रालय ने छठी बार अवधि विस्तार की अनुमति मांगी है।
नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 ऐसी व्यवस्था देता है जिसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यंमार और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आये हिंन्दू, सिख,जैन, ईसाई, बौद्ध और पारसी समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान करता है।
इस नए कानून में मुसलमानों को शामिल नहीं किये जाने के कारण देश भर में भारी विरोध ओरदर्शन हुए थे। इन प्रदर्शनों में 100 से ज़्यादा लोगों की जान गई थी।