केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन बिहार में इन्सेफ़लाईटिस से 50 से अधिक बच्चों की मौत की घटना का जायजा लेने के लिए रविवार को बिहार के मुजफ्फरपुर जायेंगे।
डॉ हर्षवर्द्धन ने शनिवार को यहाँ कहा कि वह मुजफ्फरपुर जिले में बच्चों की जापानी बुखार और अत्यधिक इन्सेफ़लाईटिस की घटना से होने वाली बच्चों की मौत की घटना को देखते हुए राज्य सरकार से इस बारे में बातचीत करने और स्थिति का जायजा लेने के लिए कल वहां जायेंगे।
उन्होंने कहा कि वह इस घटना की लगातार निगरानी कर रहे है और वहाँ जाकर विभिन्न टीमों से मिलेंगे तथा राज्य स्तर की बैठक में भी भाग लेंगे एवं राज्य सरकार को हर संभव मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि वह इस भयंकर रोग की रोकथाम के लिए दीर्घ कालीन और अल्प कालीन उपायों को अपनानाने के बारे में भी विचार करेंगे तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को और मजबूत बनायेंगे एवं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की भी मदद लेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रभावित इलाकों में दिन रात केंद्र एवं राज्य सरकार की टीमों की मुस्तैदी तथा निगरानी से लोगों में विश्वास बहाल हुआ है और जल्द ही हम इस पर नियंत्रण कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि उनके मंत्रालय ने एक विशेषज्ञों की टीम वहां भेजी है और राज्य सरकार की मदद की जा रही है।
उधर, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) ने बिहार सरकार से मुजफ्फरपुर एवं आस-पास के जिले में फैले चमकी बुखार (एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम-एईएस) को आपदा घोषित करने की मांग करते हुये आज आरोप लगाया कि इस बीमारी से बच्चों को बचाने के लिए सरकार के पास कोई भी एक्शन प्लान नहीं है।
भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने उनके नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय जांच टीम ने मुजफ्फरपुर जाकर श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों से मुलाकात कर और घटना का जायजा लेने के बाद यहां कहा कि चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के लिए कोई भी एक्शन प्लान बिहार सरकार के पास नहीं है। पिछले कई सालों से एन्सेफलाइटिस जैसी अज्ञात बीमारी से सैकड़ों बच्चे मारे जा रहे हैं लेकिन सरकार ने इससे कोई सबक नहीं ली और बीमारी शुरू होने के पहले रोकथाम का कोई भी उपाय नहीं किया।