गजब! मोदी रोजगार दो पर मिलियंस ट्विट, तेजस्वी भी कूदे
तीन दिनों से मोदी जॉब दो ट्रेंड कर रहा था, पर आज तो गजब हो गया। सारे रिकॉर्ड टूट गए। मामा रोजगार दो भी ट्रेंड हुआ। राहुल और तेजस्वी भी उतरे मैदान में।
कुमार अनिल
आज दिनभर अंग्रेजी में मोदी जॉब दो और हिंदी में मोदी रोजगार दो टॉप ट्रेंड करता रहा। बाद में मामा रोजगार दो, टाइमली एक्जाम और टाइमली रिजल्ट भी अलग-अलग ट्रेंड करने लगे। शाम को चार बजे इनक्रीज वैकेंसीज 11 वें नंबर पर ट्रेंड कर रहा था, जिसमें 10 लाख से ज्यादा ट्विट थे। एक अनुमान के अनुसार डेढ़ करोड़ से अधिक युवकों ने मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोला।
देशव्यापी इस अभियान में कांग्रेस के नेता राहुल गांघी और बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी कूद पड़े। युवा राजद और यूथ कांग्रेस के समर्थकों ने भी बड़ी संख्या में ट्विट किए।
तेजस्वी यादव ने कहा- किसी देश के लिए सबसे बड़ी संपदा उसका मानव संसाधन होता है। दूसरे संसाधन इसके आगे बेकार हैं। भारत की युवा आबादी बेरोजगारी के कारण निराशा में डूबी है। सरकार जाति-धर्म के नाम पर लोगों को लड़ा रही है, जिससे समस्या और भी गहरी हो गई है। तेजस्वी के इस ट्विट पर एक घंटे में दस हजार लाइक्स मिल चुके थे। उनके साथ ही युवा राजद और राजद के सभी प्रमुख नेता-कार्यकर्ता भी युवकों की मांग के साथ खड़े दिखे।
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राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने लिखा-सरकार ने 19 लाख रोजगार देने का वादा किया था, पर नई नियुक्ति की बात छोड़ दीजिए, जिन शिक्षक अभ्यर्थियों ने सारी प्रक्रिया पूरी कर ली, उन्हें भी सरकार ने लटका कर रखा है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा-फेल सरकार, महंगाई की मार, बेरोजगारी की सब हदें पार। प्रियंका गांधी ने लिखा- वादा था हर साल दो करोड़ रोजगार देंगे। यूपी में वादा था 70 लाख रोजगार देंगे। वहीं बेरोजगारी चरम पर है। नेशनल सर्विस पोर्टल पर एक करोड़ लोगों ने रोजगार मांगा, मिला सिर्फ एक लाख 77 हजार को।
एक बात नोट करने वाली दिखी। कई बार मोदी जॉब दो पांच मिलियन ट्विट से ज्यादा हो गया, पर थोड़ी देर बाद यह घटकर एक मिलियन हो जाता। फिर घंटे भर में ही चार मिलियन दिखने लगता। ऐसा कई बार हुआ।
भीख नाही हक मांगिला, बेरोजगार हई रोजगार मांगिला गीत खूब वायरल हुआ। असंख्य वीडियो, कमेंट की भरमार। सवाल यह है कि सोशल मीडिया पर युवकों ने हल्ला बोल कर पूरी दुनिया का ध्यान खींचा, पर क्या वे सड़क पर भी उतरेंगे। अगर ऐसा हुआ, तो सरकार के लिए मुश्किल स्थिति होगी।