बिहार में पिछले तीन दिनों से जारी प्रचंड गर्मी की वजह से मरने वालों की संख्या 100 पार कर गई है और ऐसी गंभीर स्थिति को देखते हुए पहली बार गया जिला प्रशासन ने धूप में लोगों को निकलने से रोकने के लिए धारा 144 लागू की है।
राज्य में पिछले शनिवार से ही प्रचंड गर्मी और लू का प्रकोप बना हुआ है। झुलसा देने वाली गर्म तेज हवा के कारण अब तक औरंगाबाद में 33, गया में 30, नवादा में 12, पटना में 11, बक्सर में सात, भोजपुर में पांच और जमुई में दो लोगों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही राज्य में लू से मरने वालों की संख्या 101 हो गई है।
लू के प्रकोप को देखते हुए गया के जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने जिले में धारा 144 लागू कर दी है। इसके तहत सुबह 11:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक लोगों को धूप में जमा नहीं होने का आदेश है। इस अवधि में सरकारी या गैर सरकारी निर्माण कार्य के लिए मजदूर धूप में काम नहीं करेंगे। साथ ही इस दौरान किसी तरह का सांस्कृतिक कार्यक्रम या सभा का आयोजन भी नहीं किया जाएगा। संभवत देश में लू को लेकर पहली बार धारा 144 लगाई गई है।
वहीं, प्रचंड गर्मी को देखते हुए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् ने राज्य के सभी जिला अधिकारी और शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) को पत्र लिखकर 22 जून तक सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है। पत्र में 23 से 30 जून तक सभी स्कूलों को सुबह की पाली में चलाने का निर्देश दिया गया है।
उधर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार में चमकी बुखार (एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम-एईएस) तथा जापानी एन्सेफलाइटिस बीमारी से 100 से अधिक बच्चों की हुई मौत पर आज स्वत: संज्ञान लेते हुए बिहार के मुख्य सचिव और केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव को नोटिस जारी कर इस बीमारी की रोकथाम तथा उपचार के लिए उठाए गए कदम के बारे में चार सप्ताह के अंदर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है।