इंकम टैक्स का नया कानून लागू, जानिये किन मामलों को बनाया गया गंभीर अपराध
केंद्र सरकार ने इंकम टैक्स की नयी गाइडलाइन को आज से लागू कर दिया गया है. नयी गाइडलाइन के अनुसार ब्लैकमनी और बेनामी कानून के तहत जमा की गयी संपत्ति के मामले को गंभीर अपराध के कटेगरी में रखा गया है.
ब्लैकमनी और बेनामी कानून के तहत किए गए अपराध गंभीर माने जाएंगे जो अभी तक गंभीर नहीं माने जाते थे. इस नयी गाइडलाइन के तहत अगर कोई शख्स या कंपनी टैक्स चोरी करता है तो सिर्फ टैक्स पेमेंट, पेनाल्टी और ब्याज चुकाने से मामला हल नहीं होगा. Income Tax की नई गाइडलाइंस 17 जून 2019 से लागू हुआ है.
आर्थिक मामले से जुडडी न्यूज वेबसाइट मिंट के मुताबिक, इनकम टैक्स की धारा 115-0 या चैप्टर XVII-B के तहत अगर आप टैक्स नहीं चुकाते हैं तो यह अपराध A कैटेगरी में आता है. सोर्स से टैक्स कलेक्टर करके अगर कोई कंपनी या शख्स टैक्स नहीं चुकाता है तो वह भी इसी कैटेगरी का अपराध माना जाएगा.
कैटेगरी B में वो कंपनी या शख्स आएंगे जो टैक्स चोरी के लिए विलफुल डिफॉल्ट करते हैं. इनमें वो भी शामिल होंगे जो जरूरी दस्तावेज या अपने खातों का ब्योरा नहीं देंगे. साथ ही वैरिफिकेशन के लिए फर्जी डॉक्यूमेंट्स मुहैया कराने का अपराध भी इसी कैटेगरी में आएगा.
बेनामी ट्रांजेक्शन पर वार
रिवाइज्ड गाइडलाइंस के मुताबिक, ब्लैकमनी (अघोषित फॉरेन इनकम और एसेट्स) एंड इंपोजिशन ऑफ टैक्स एक्ट, 2015 के मुताबिक किए गए अपराध को सामान्य नहीं माना जाएगा. बेनामी ट्रांजैक्शन (प्रोहिबिटेशन) एक्ट, 1988 के तहत किए गए अपराध को भी टैक्स अधिकारी अब गंभीर अपराध मानेंगे.
याद रहे कि पिछले कुछ वर्षों में देश भर में बेनामी संपत्ति और ब्लैकमनी पर केंद्र सरकार अनेक तरह के कदम उठाने के लिए प्रयत्नशील थी. इस मामले में अनेक सम्पनत्तियों को सीज भी किया गया है. दूसरी तरफ कुछ वर्षों में ब्लैकमनी के बढ़ते मामले पर सरकार गंभीर आलोचना का शिकार होती रहे हैं. ऐसे में इंकम टैक्स से जुड़े मामले को गंभीर अपराध की कटेगरी में ला कर सरकार ने बड़ा फैसला लागू कर दिया है.