मनमोहन के बाद गडकरी भी बोले, वैक्सीन का लाइसेंस दे सरकार
कोविड, ब्लैक फंगस ने नींद उड़ा दी है। बचाव सिर्फ वैक्सीन है। पहले कांग्रेस, अब भाजपा नेता ने भी कहा कि वैक्सीन निर्माण का लाइंसेंस अन्य कंपनियों को भी मिले।
पिछले महीने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार से कहा कि वैक्सीन निर्माण के लिए अन्य कंपनियों को भी लाइसेंस दें। उनकी बात का प्रधानमंत्री मोदी ने कोई जवाब नहीं दिया। इस बीच वैक्सीन का संकट बढ़ता रहा। अब तो हालत यह है कि एक तरफ कोविड का नया वेरिएंट और साथ ही ब्लैक फंगस के कारण गंगा की रेत लाशों से पट गई है, वहीं इससे बचाव के लिए वैक्सीन मिलना कठिन हो गया है।
इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपनी ही सरकार से कहा कि वैक्सीन निर्माण का लाइसेंस 10 अन्य कंपनियों को भी दिया जाए, ताकि वैक्सीन निर्माण की गति तेज हो सके। स्पष्ट है वैक्सीन का निर्माण अगर आज की रफ्तार में होता रहा, तो बड़ी आबादी का जीवन खतरे में रहेगा। सरकार जो मौत का आंकड़ा दे रही है, उसे देश का नागरिक समझ रहा है। वास्तविकता तो गंगा के रेत पर दिख रही है, जिनकी गिनती ही नहीं है।
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जैसे ही गडकरी का बयान सामने आया, वे सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा- पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पिछले महीने ही प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर वैक्सीन की हो रही कमी को दूर करने का सुझाव दिया था।
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युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने ट्विट करके कहा कि पिछले महीने ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यह बात कही थी, पर उनका जवाब प्रधानमंत्री मोदी ने नहीं दिया, बल्कि स्वास्थ्य मंत्री ने दिया। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने मनमोहन सिंह के हर सुझाव को खारिज कर दिया था और कहा था कि सरकार सक्रिय है और किसी चीज की कमी नहीं है।