ब्यूरोक्रेसी में महिलाओं अफसरों का दबदबा बढ़ रहा है। यह बदलते भारत की नई और बेहतर तस्वीर है। पहले सिर्फ दक्षिण भारत के प्रदेशों में महिला अधिकारियों की संख्या ज्यादा था, जबकि उत्तर भारत में बहुत कम महिला अफसर थीं। अब मिल रही जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में भी महिला जिलाधिकारियों की संख्या बढ़ी है। एक जिला ऐसा है, जहां डीएम के अलावा एसपी तथा सीडीओ तीनों पदों पर महिलाएं हैं।
द न्यू इंडियान एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा महिला जिलाधिकारी तमिलनाडु में हैं। वहां कुल 38 जिलों में 15 जिलों की जिलाधिकारी महिला हैं। वहां पहले भी महिला अधिकारी अपेक्षाकृत अधिक रही हैं। सुखद बात यह है कि उत्तर प्रदेश में भी महिला जिलाधिकारियों की संख्या बढ़ी है। प्रदेश में कुल 75 जिले हैं। इनमें फिलहाल 13 जिलों की जिलाधिकारी महिला हैं। बहराइच ऐसा जिला है, जहां सभी प्रमुख तीनों पदों पर महिला अधिकारी हैं। यहां की जिलाधिकारी मोनिका रानी हैं। पुलिस प्रमुख हैं वृंदा शुक्ला तथा सीडीओ हैं राम्या आर। तीनों प्रमुख पदों पर महिलाओं के रहने से जिला प्रशासन महिला मुद्दों पर पहले से ज्यादा संवेदनशीलता से काम कर रहा है। यही नहीं, सरकारी योजनाओं के क्रियान्वय के मामले में भी भी बहराइच कई जिलों से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।
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जिले का एक गांव है लहुरिया दाह, जहां अब तक पेयजल की आपूर्ति नहीं थी। जिलाधिकारी की पहल पर पहली बार गांव में पेयजल की आपूर्ति अब पाइप से हो रही है। इससे सबसे ज्यादा खुश महिलाएं हैं, क्यों पहले घर के लिए पानी का इंतजाम करना महिलाओं का ही काम था, जिसमें काफी समय लगता था। अब पाइप से हर घर पेयजल पहुंच जा रहा है। लोगों का कहना है कि महिला पुलिस प्रमुख होने के बाद थानों में किसी शिकायत को लेकर जाने में डर नहीं लगता। थानों का व्यवहार बेहतर हुआ है।
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