कांग्रेस ने गढचिरौली में नक्सली हमले में 15 जवानों की शहादत पर गहरा शोक जताते हुए आरोप लगाया है कि आतंरिक सुरक्षा के नाम पर मोदी सरकार ने पांच साल में सिर्फ खोखले दावे किए हैं और नक्सलवाद रोकने में वह असफल रही है इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी गढचिरौली में जवानों के शहीद होने पर गहरा क्षोभ जताया और कहा “गढ़चिरौली, महाराष्ट्र में सुरक्षा जवानों के ऊपर हुए हमले की खबर से, मुझे बहुत दुख पहुंचा है। पीड़ित परिवारों के प्रति, मैं गहरी शोक और संवेदना व्यक्त करता हूँ।”
बाद में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बुधवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आंतरिक सुरक्षा तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर मोदी सरकार ने बड़े बडे दावे किए हैं लेकिन असलियत यह है कि उसके यह सब दावे खोखले साबित हुए हैं और इन दावों की आड़ में वह राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करती रही है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने हमारे जवानों की शहादत पर राजनीति कर उनके खून से फायदा लेने की कोशिश की है। नक्सलवाद को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की बजाय इस सरकार ने जवानों की शहादत पर राजनीतिक लाभ अर्जित करने का लगातार प्रयास किया है और जब नक्सली इस तरह के कायराना हमले करते हैं तो श्री मोदी उनकी सरकार चुप्पी साध लेती हैं।
श्री खेड़ा ने कहा कि पांच साल के दौरान 1086 नक्सली हमले हुए हैं जिनमें 391 जवान शहीद हुए हैं और 582 नागरिक मारे गये। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के कार्यकाल के दौरान नक्सलियों के खात्मे के लिए उसकी ठोस नीति नहीं होने के कारण पिछले दस साल में सीआरपीएफ के एक हजार जवान शहीद हुए हैं और नक्सलवाद खत्म होने की बजाय वहां तीन और जिलों में इसने पांव पसारे हैं।