पटना विश्वविद्यालय पुस्तकालय के शताब्दी वर्ष समारोह में उपराष्टÑपति एम वेंकैया नायडू का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि साइंस कॉलेज के इसी कैंपस में दो वर्ष पहले पटना विश्वविद्यालय शताब्दी वर्ष समारोह कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए थे।
हमारी पुस्तकें सुरक्षित रहेंगी तो नई पीढ़ी को इससे लाभ होगा
पटना विश्वविद्यालय के विकास में सहयोग कर रही राज्य सरकार
यह विश्वविद्यालय अपने समय का एशिया स्तर का बेहतरीन विश्वविद्यालय रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी तरफ से इस विश्वविद्यालय को विशिष्ट बनाये रखने के लिये धन आवंटन के साथ-साथ अन्य जो भी सहयोग की आवश्यकता होगी, करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पुस्तकालय की खासियत है कि यहां तीन लाख से ज्यादा 33 विषयों की पुस्तकें उपलब्ध हैं। पांच हजार से ज्यादा धर्मग्रंथ, पांडुलिपियां हैं। 27 प्रकार के बहुमूल्य रत्न हैं। 13वीं शताब्दी तक की जानकारियां इनसे मिलती हैं। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय का संरक्षण पूरे तौर पर होना चाहिये। हमारी पुस्तकें सुरक्षित और संरक्षित रहेंगी, तो नई पीढ़ी को इससे लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय में पुस्तकालय विज्ञान की स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई होती है। इसमें आप सब पुस्तकालय में पुस्तकों की महता के बारे में छात्रों को बतायें। पुस्तकों के प्रति आकर्षण पैदा करने का भाव बनाये रखना है और नई पीढ़ी को इसके बारे में बताना है।
उन्होंने कहा कि इस ज्ञान की भूमि पर 1500 वर्ष पूर्व आर्यभट्ट ने एस्ट्रोनोमी के बारे में जानकारी दी। शून्य का आविष्कार किया। उनके नाम पर हमलोगों ने आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय बनाया। महान नीतिकार चाणक्य के नाम पर चाणक्य विधि विश्वविद्यालय, सम्राट चन्द्रगुप्त के नाम पर चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान बनाया गया है। उन्होंने कहा कि हमलोग राज्य के पुराने इतिहास से प्रेरणा लेकर काम कर रहे हैं और उसको ध्यान में रखते हुये आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब प्रेम, सद्भाव और भाईचारे के साथ रहेंगे तो विकास का सही लाभ मिलेगा और राज्य तथा देश को आगे बढ़ाने में कामयाब होंगे।
कार्यक्रम के पूर्व पटना विश्वविद्यालय पुस्तकालय शताब्दी वर्ष समारोह के अवसर पर पुस्तकालय परिसर में स्थापित शिलापट्ट का उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने अनावरण किया। अनावरण के बाद उप राष्ट्रपति ने पुस्तकालय में प्रदर्शित विभिन्न पुस्तकों, पांडुलिपियों का अवलोकन किया। कार्यक्रम के दौरान उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने पुस्तकालय शताब्दी वर्ष के अवसर पर विशेष डाक आवरण जारी किया।