भारतीय रेल को नक्सली, आतंकी हमले से बचाने और होस्टेज जैसे हालात से निपटने के लिए रेलवे सुरक्षा बल यानी आरपीएफ के कमांडों कोरस की पहली बटालियन को आज रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे को समर्पित कर दिया।
एनएसजी कमांडो की तर्ज पर रेलवे के लिए तैयार ये कमांडो किसी भी हालत के निपटने के लिए पूरी तरह से ट्रेंड किये गए है और किसी भी स्थिति से निपटने में पूरी तरह सक्षम है।
इस मौके पर श्री गोयल ने कहा कि रेलवे के संचालन और मौजूदा जरूरतों को देखते हुए इस तरह के कमांडो फोर्सेज का अहम योगदान है और इनकी ट्रेनिंग अंतरराष्ट्रीय स्तर की होगी। कोरस के उच्च स्तरीय प्रशिक्षण के साथ ही इस पर बल दिया कि इनके संसाधनों में कोई कमी नही लाई जाए। श्री गोयल ने कंमाडो कोरस के लिए जगाधरी में एक विशेष और आधुनिक ट्रेनिंग सेंटर शुरुआत करने की घोषणा की।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद यादव ने कहा कि पूरी तरह से आधुनिक हथियारों से लैस कोरस के जवान आरपीएफ की आर्म्ड बटालियन आरपीएसएफ यानी रेलवे प्रोटेक्शन सिक्योरिटी फोर्सेज से अलग होगी। महिलाओं और पुरूषों काे मिलाकर 1200 जवानों के साथ तैयार हुई कमांडो बटालियन में आरपीएफ के चुनिंदा जवानों को चुन कर उनको एनएसजी और पारा मिलिट्री फोर्सेज कमांडो के तर्ज पर विशेष ट्रेनिंग देकर विशेष रूप से तैयार किया गया हैं। उन्होंने कहा कि कटरा बनिहाल जैसे दुर्गम रेल मार्ग पर रेलवे लगातार विस्तार कर रही है।
आरपीएफ महानिदेशक अरुण कुमार ने कहा कि इनकी तैनाती नक्सल प्रभावित इलाकों के अलावा नार्थ ईस्ट और कश्मीर घाटी के इलाके में की जाएगी। ये आतंकी हमला, होस्टेज संकट और किसी भी तरह के आंतरिक हमले में जान माल की रक्षा करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि कटरा बनिहाल मार्ग पर अल कायदा, लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद जैसे आंतकी संगठनों का खतरा है। ऐसे में रेलवे यात्री के सुरक्षा के लिए मुंबई में हुए आतंकी हमले, नक्सलियों के द्वारा राजधानी एक्सप्रेस को होस्टेज बनाये जाने की घटना के बाद से ही इस तरह के एक विशेष कमांडो दस्ते के गठन की बात हो रही थी ।