अहंकार में व्याकुल BJP मंत्री, किया आसन का अपमान
नौकरशाही डॉट कॉम ब्यूरो
बिहार विधान सभा में जवाब देने के क्रम में BJP कोटे के मंत्री अहंकार में भरे दिखे. उन्होंने आसन की तरफ उंगली ही नहीं उठाई बल्कि विधान सभा अध्यक्ष को औवकात दिखाते हुए उनका अपमान तक किया.
ये मंत्री हैं पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी. चौधरी से जब विधान सभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने पूछा कि आपके विभाग का ऑनलाइन जवाब नहीं आया है. तो चौधरी के तेवर गर्म हो गये. उन्होंने कहा कि 16 में से 14 जवाब आ चुके हैं. जब चौधरी अपनी बात कह रहे थे तो उनका आत्मविश्वास, अहंकार के स्तर को छू रहा था. और वह पहले कह रहे थे कि 16 में से 14 जवाब आ चुके हैं, और रिपीट करते हुए बाद में कहे जा रहे थे कि 14 में से 16 जवाब आ चुके हैं. इतना कहने पर विधान सभा अध्यक्ष ने उन्हें रोका. लेकिन चौधरी ने उन्हें यहां तक कह दिया कि “इतना व्याकुल नहीं होना है”.
सम्राट चौधरी जब ये बातें कह रहे थे तो उनका बॉडी लैंगवेज भी अहंकार से भरा था. वह बार बार आसन को उंगली दिखाये जा रहे थे.
विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने सम्राट चौधरी को कहा कि उनके विभाग से ऑनलाइन जवाब पूरे दाखिल नहीं हुए हैं। इस पर सम्राट चौधरी ने कहा कि उन्होंने 16 में से 14 सवालों के जवाब ऑनलाइन दे दिए हैं। इस पर विस अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि उनके विभाग से सुबह 9 बजे तक 16 में से 11 जवाब ही आए थे जो कि 69 फीसदी हैं।
पंचायती राज मंत्री ने एक तरह से विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को चेताते हुए कुछ ऐसा कह दिया जिसे स्पीकर ने आचरण के उलट माना।
सम्राट चौधरीबिहार विधानसभा में आज की कार्यवाही के दौरान बीजेपी कोटे के ही पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) सवालों का जवाब दे रहे थे। सवाल सत्ताधारी भाजपा (BJP) विधायक विनय बिहारी ने पूछा था।
इस मामले पर टिप्पणी करते हुए युवा कांग्रेस के राष्ट्री अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने कहा सत्ता के अहंकार में डूबे बिहार के मंत्री अगर अपनी ही सरकार द्वारा चुने हुए स्पीकर से बदतमीजी कर सकते हैं तो अंदाजा लगाइए आम जनता से कैसे पेश आते होंगे.
जब सम्राट चौधरी की सदस्यता समाप्त कर दी गयी थी.
सम्राट चौधरी ने इसके बाद ये कह दिया कि ‘अध्यक्ष जी, सदन ऐसे नहीं चलेगा।’ जाहिर है कि सदन के अध्यक्ष पर इस तरह कि टिप्पणी मर्यादा के उलट थी। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने बिहार विधानसभा को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.
बाद में सदन की कार्वाही फिर शुरू हुई तो मंत्री सम्राट चौधरी ने अपने व्याकुल शब्द पर खेद जताया.
हालांकि कुछ कह देने के बाद खेद व्यक्त कर देने मात्र से मंत्री की छवि बदलेगी नहीं बल्कि उनके आचरण पर सवाल तो खड़ा हो ही गया है.
कौन हैं सम्राट चौधरी
सम्राट चौधरी, कुशवाहा नेता सकुनी चौधरी के बेटे हैं. और राबड़ी मंत्रिंडल में 25 साल की उम्र से पहले ही मंत्री बन चुके थे तो उन्हें राज्यपाल ने मंत्रिपद से हटा दिया था. वह जीतन राम मंत्रिमंडल में भी मंत्री रह चुके हैं. शकुनी चौधरी लालू के करीबी रहे हैं.
जबसे विजय कुमार सिन्हा विधान सभा अध्यक्ष बने हैं तबसे उनकी सरकार के मंत्री ही उन्हें कटघरे में खड़ा करते रहे हैं.
इससे पहले JDU कोटे के मंत्री विजेंद्र यादव भी कर चुके हैं टिप्पणी सोमवार को सदन में मंत्री विजेंद्र यादव ने भी विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा पर एक टिप्पणी की थी।उन्होंने अध्यक्ष से कहा था कि विपक्ष को शांत नहीं कराया जाता लेकिन अगर सत्ता पक्ष से किसी को जवाब देने के लिए उठते ही बैठा दिया जाता है।
विधान सभा अध्यक्ष एक सरल स्वाभाव के नेता हैं. उनकी कोशिश होती है कि विधान सभा का संचाल निष्पक्ष हो. लेकिन उनकी यह निष्पक्षता खुद सत्ताधारी नेताओं को नागवार लगती है. जहां तक सम्राट चौधरी की बात है तो कम उम्र में सियासत की ऊंची उड़ान हासिल करने के काऱण उनमें अहंकार देखने को मिलता है.