महागठबंधन के घटक राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि देश में पहले बूथ लूट की घटनाएं हुआ करती थी लेकिन अब एग्जिट पोल के जरिये चुनाव परिणाम को लूटने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री कुशवाहा ने यहां महागठबंधन के सभी घटक दल के नेताओं की उपस्थिति में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पहले तो बूथ लूट की घटना होती थी लेकिन यह आश्चर्य है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम को ही लूटने का प्रयास किया जा रहा है। विभिन्न एग्जिट पोल में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पक्ष में परिणाम को बढ़ा-चढ़ाकर बताया जा रहा है, जो सच्चाई से परे है। यह विपक्षी दलों का मनोबल तोड़ने का सुनियोजित प्रयास है।
श्री कुशवाहा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चुनाव के समय यह नारा दिया था कि ‘मोदी है तो मुमकिन है’ जिससे सच्चाई सामने आ गई है कि चुनाव परिणाम को ही लूटने का प्रयास किया जा रहा है, जो पहले सोचा भी नहीं जा सकता था। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के विभिन्न घटक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बूथ स्तर से जो जमीनी वस्तुस्थिति की जानकारी ली है, उसके अनुसार बिहार में अधिकांश सीटों पर महागठबंधन के प्रति लोगों का सम्मान है।
उधर पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल वरिष्ठ नेता राबड़ी देवी ने देश के कई हिस्सों में वज्रगृह के आस-पास के इलाकों से इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की कथित बरामदगी के मामले में चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण मांगा है।
श्रीमती राबड़ी देवी ने ट्वीट कर कहा कि देशभर के वज्रगृह के आसपास ईवीएम की बरामदगी हो रही है। ट्रकों और निजी वाहनों में ईवीएम पकड़ी जा रही है। ये कहाँ से आ रही है, कहाँ जा रही है। कब, क्यों, कौन और किसलिए इन्हें ले जा रहा है। क्या यह पूर्व निर्धारित प्रक्रिया का हिस्सा है। चुनाव आयोग को अतिशीघ्र स्पष्ट करना चाहिए।”
वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी ईवीएम के अचानक संचलन को लेकर सवाल खड़े करते हुए कहा कि उत्तर भारत के कई हिस्सों में ईवीएम से भरे ट्रक देखे गए हैं। ऐसा क्यों है। कौन इन ईवीएम को और कहां ले जा रहा है। इस तरह के अभ्यास का उद्देश्य क्या है। किसी भी भ्रम और गलत धारणा से बचने के लिए, चुनाव आयोग को जल्द से जल्द इस मुद्दे पर एक बयान जारी करना चाहिए।
इस बीच राज्य चुनाव कार्यालय ने बिहार के मामले में साफ किया कि वाहनों से ले जाये गये ईवीएम वेयरहाउस से निकाले गये है, जो मतगणना के प्रशिक्षण के लिए हैं। इन ईवीएम का वज्रगृह में सीलबंद ईवीएम से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है।