पहली बार किसी पद्मश्री सम्मानित के चित्र पर बरसी चप्पल

1947 में मिली आजादी को भीख और प्रधानमंत्री मोदी के आने के बाद सच्ची आजादी मिलने की बात कहनेवाली कंगना के चित्र पर महिलाओं ने बरसाई चप्पल।

देश में पहली बार किसी पद्मश्री सम्मानित व्यक्ति के चित्र पर महिलाओं ने चप्पल बरसाई। ये पद्मश्री से सम्मानित व्यक्ति हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंधभक्त कंगना रनौत। कंगना ने कहा था कि गांधी-नेहरू-भगत सिंह ने लड़कर, लाखों लोगों की कुरबानी से मिली 1947 की आजादी भीख में मिली थी। असली आजादी नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 2014 में मिली।

आज महाराष्ट्र में एनसीपी की महिला प्रकोष्ठ की महिलाओं ने चौराहे पर कंगना रनौत का चित्र रखकर उस पर चप्पल बरसाए।

कांग्रेस नेत्री अलका लांबा ने ट्वीट किया-कंगना के अंगना में #पद्मश्री का क्या काम है – पहली बार किसी पद्मश्री का ऐसा सम्मान होते देख रही हूं। ट्वीट के साथ ही उन्होंने वह वीडियो भी शेयर किया।

कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश की मूल निवासी और बॉलीवुड एक्ट्रेस हैं। अब उसी हिमाचल प्रदेश की ऑल इंडिया फ्रीडम फाइटर समिति की अध्यक्ष प्रेम देवी शास्त्री ने कंगना को जमकर फटकार लगाई है। उन्होंने कहा कि अगर 1947 में आजादी नहीं मिली होती, तो कंगना शिमला के रिज मैदान में अंग्रेजों के घोटों की लीद उठा रही होती। उन्होंने कंगना के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दायर करने की मांग की। इस बीच कंगना से पद्मश्री वापस लेने की मांग देश में जोर पकड़ती जा रही है। मुंबई में कंगना के खिलाफ थाने में मामला बी दर्ज कराया गया है।

इस बीच गुजरात से मिल रही खबरों के अनुसार कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हाल में गोडसे का मंदिर बनाने और उसकी प्रतिमा लगाने का विरोध करते हुए गोडसे की प्रतिमा तोड़ दी। सोशल मीडिया में गोडसे की प्रतिमा तोड़ते कांग्रेस कार्यकर्ताओं का वीडियो भी शेयर किया जा रहा है। कांग्रेस के सरल पटेल ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें कांग्रेसजन गोडसे की प्रतिमा तोड़ रहे हैं। पटेल ने कहा कि गांधी की भूमि पर हम गोडसे की भक्ति स्वीकार नहीं कर सकते।

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