बिहार में सांप्रदायिक मुद्दे जम नहीं पा रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र पर मुस्लिम लीग की छाया बताया था। तेजस्वी यादव को मछली खाने के कारण सनातन विरोधी साबित करने की कोशिश की गई। लेकिन जनता में ये मुद्दे नहीं बन पा रहे। बिहार में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा बन रही है। महंगाई से लोग परेशान हैं। भाजपा बेरोजगारी पर बात ही नहीं कर पा रही है। एनडीए के दूसरे घटक भी बेरोजगारी पर पूरी तरह खामोश हैं। लोजपा ने प्रधानमंत्री मोदी की उपलब्धियां गिनाई हैं जिनमें धारा 370 खत्म करने, राम मंदिर बनाने की बात की गई है, लेकिन उपलब्धियों में नौकरी-रोजगार की बात नहीं है। महंगाई पर भी वे चुप हैं। अग्निवीर पर चुप हैं।

इधर तेजस्वी यादव ने अपनी हर सभा में बेरोजगारी पर बात कर रहे हैं। सवाल पूछ रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने हर साल दो करोड़ रोजगार देने की बात की थी, उसका क्या हुआ। राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में शनिवार को सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमे वोट दो, हम अग्निवीर योजना खत्म कर देंगे। हम नहीं चाहते कि देश में दो तरह के शहीद हों। उन्होंने कहा कि हम पहले दिन ही अग्निवीर खत्म करेंगे। उन्होंने कहा कि अग्निवीर योजना को सेना ने नहीं बनाया, प्रधानमंत्री के कार्यालय ने बनाया और सेना पर थोप दिया।

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तेजस्वी यादव ने नवादा क्षेत्र में सभा को संबोधित करते हुए कहा हम लोग नई सोच के हैं, नया बिहार बनाना है, सुनहरा काल लाना है जिसमें राज्य के युवाओं की उन्नति हो। अगर आप देश-प्रदेश में क्रमशः 10 और 17 वर्षों वाली डबल इंजन सरकार से अशिक्षा, बदतर स्वास्थ्य व्यवस्था, गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, विकास और निवेश जैसे मुद्दों पर सवाल नहीं करेंगे, वोट नहीं करेंगे तो फिर इससे भी अधिक गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा। ये हुक्मरान आपको जाति, धर्म और संप्रदाय जैसे छद्म विषयों में उलझा कर, आपकी जेब काट अपना उल्लू सीधा करते रहेंगे।

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