शिक्षक नियुक्ति नियमावली पर CS आमिर सुबहानी की बड़ी घोषणा

शिक्षक नियुक्ति नियमावली पर CS आमिर सुबहानी की बड़ी घोषणा। संविधान का हवाला देकर कहा निवास के आधार पर किसी को अपात्र नहीं बनाया जा सकता।

बिहार शिक्षक नियुक्ति नियमावली पर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने सोमवार को बड़ी घोषणा की। उन्होंने संविधान का हवाला देकर कहा कि निवास के आधार पर किसी को शिक्षक बनने के लिए अपात्र नहीं किया जा सकता। आमिर सुबहानी ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 16 में स्पष्ट रूप से लिखा है कि धर्म, जाति सहित निवास के आधार पर किसी को नियुक्ति से अपात्र नहीं घोषित किया जा सकता। मुख्य सचिव ने ये बातें एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक और प्रथमिक शिक्षा के निदेशक भी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि इसके पहले वर्ष 1994, 1999 तथा वर्ष 2004 में भी बिहार लोक सेवा संघ के जरिये शिक्षक नियुक्ति की परीक्षा और नियुक्ति हुई है। उन तीनों वर्षों में भी निवास के आधार पर किसी को शिक्षक बनने से रोका नहीं गया था। मालूम हो कि हाल में बिहार सरकार ने शिक्षक नियोजन नियमावली में संशोधन किया। नई नियमावली में शिक्षक नियुक्ति में बिहार का निवासी होने की शर्त समाप्त कर दी गई, जिसका कई संगठन विरोध कर रहे हैं। वे लगातार आंदोलन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि नियमावली में संशोधन को पावस लिया जाए तथा अन्य राज्यों के युवकों को बिहार में शिक्षक बनने से रोका जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि 2012 में एक लाख 68 हजार नियुक्तियां हुईं, उनमें सिर्फ तीन हजार से कुछ अधिक अभ्यर्थी अन्य प्रदेश के थे। यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि बिहार में 50 प्रतिशत आरक्षण है। आरक्षम का नियम है कि आरक्षण का लाभ सिर्फ प्रदेश के के अभ्यर्थी ही उठा सकते हैं। बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश तथा किसी भी अन्य राज्य में स्थानीय निवासी होने की शर्त नहीं है।

अब पहली बार बिहार के टॉप प्रशासनिक अधिकारी ने स्पष्ट कर दिया कि किसी को धर्म, जाति या निवास के आधार पर शिक्ष बनने की पात्रता से वंचित नहीं किया जा सकता। व्यावहारिक रूप से देखा जाता है कि बिहार के बाहर के कम ही अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होंगे।

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