अमित कुमार ने राविलास पासवान के शपथ पत्रों का अध्यन कर रहस्य खोला है कि वह न्यूनतम आयु से ढाई साल पहले ही विधायक बन गये, अगर इस पर कानूनी कार्रवाई हो तो वह मुश्किलों में फंस सकते हैं.
पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान शायद हिन्दुस्तान के ऐसे पहले और आखिरी व्यक्ति होंगे, जो मात्र 22 वर्ष 7 महीने और 4 दिन की आयु में विधायक बन गए। जबकि विधानसभा चुनाव लड़ने की न्यूनतम आयु 25 वर्ष है।
पाक्षिक पत्रिका ‘हलचल’ में अमित कुमार की यह शोधपूर्ण रपट रामविलास पासवान द्वारा समय-समय पर दाखिल किये गए उनके शपथ पत्रों पर आधारित है. इन शपथ पत्रों में विसंगतियों की भरमार है.
राज्य सभा की रिकार्ड में पासवान की जन्म तिथि 5 फरवरी 1946 दर्ज है। 9 फरवरी 1969 को वे पहली बार विधायक चुने गए। ऐसे में वे मात्र 22 वर्ष, 7 महीने और 4 दिन में ही विधायक बने, जबकि विधानसभा चुनाव लड़ने की न्यूनतम आयु 25 वर्ष है. 1969 के उस चुनाव में वे खगड़िया जिले के अलौली विधानसभा क्षेत्र से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए थे.
2004 के लोकसभा चुनाव में 6 अप्रैल को दाखिल शपथ पत्र में वे अपनी उम्र 58 वर्ष बताते हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में 2 अप्रैल 2009 को दाखिल उनके शपथ पत्र में उनकी उम्र 61 वर्ष बताई गई है. इसी तरह राज्यसभा चुनाव के लिए 2 जून 2010 को दाखिल शपथ पत्र में उनकी आयु 63 दिखाई गई है. वर्ष और उम्र में विसंगतियां स्पष्ट दिखती हैं.
एक साल में दो-दो डिग्रियां
इसके अतिरिक्त भी रामविलास ने अनेक अभूतपूर्व कीर्तिमान स्थापित किये हैं. पासवान ने मात्र तीन वर्ष की अवधि में ही एक ही विष्वविद्यालय से एम0ए0 और एलएलबी की डिग्री हासिल की है. उन्होंने कोशी कालेज से 1967 में एम0ए0 और 1968 में एलएलबी की परीक्षाएं उर्तीण की है. रामविलास पासवान को दोनों डिग्रियां पटना विष्वविद्यालय से मिली हैं। शिक्षाविदों के अनुसार एक ही अवधि में 2 रेगुलर कोर्स करना अवैध है.
रामविलास या रामबिलास
पासवान के चुनावी शपथ पत्रों में विसंगतियों की भरमार है. जब वे पहली बार चुनाव जीते तो चुनावी रिकार्ड के अनुसार उनका नाम ‘रामबिलास पासवान (Rambilash Pawan)’ था बाद के दिनों में यह ‘रामविलास पासवान (Ramvilash Paswan)’ हो गया. हालांकि नाम में संशोधन की आजादी किसी को भी है. हो सकता है उन्होंने अपना नाम अनिवार्य प्रक्रिया के तहत बदला हो पर 2004 के लोकसभा चुनाव के शपथ पत्र में जिस पैन नम्बर का जिक्र किया है वह ‘आर.बी. पासवान एंड संस’ के नाम से जारी किया गया है जबकि व्यक्तिगत चुनावी शपथ पत्र में किसी निजी फर्म का पैन नंबर देना हैरत में डालता है.
रीना से शादी
जैसा कि सभी लोग जानते हैं कि रीना से शादी करने से पहले ही पासवान शादीशुदा थे. उनकी पहली पत्नी राजकुमारी देवी से उनकी दो बेटियां भी थी. 1977 में सांसद बनने के बाद पासवान ने अपनी पहली पत्नी को नेपथ्य में डाल दिया. उनके चुनावी शपथ पत्र में पहली पत्नी की कोई चर्चा तक नहीं है, जबकि रीना के नाम पर दिल्ली के महारैली में 50 लाख रू0 का एक भूखंड और वसंतकुंज में एक पेट्रोल पंप है.