केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने जमानत लेने के लिए पटना उच्च न्यायालय में झूठा शपथ पत्र दाखिल करने के मामले में चार दोषियों को तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास के साथ छह-छह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह विशेष न्यायाधीश प्रवीण कुमार सिंह ने मामले में सुनवाई के बाद गया जिले के खिजिरसराय थाना क्षेत्र में नौबतपुर गांव निवासी साकेत यादव, दिलीप यादव, पप्पू यादव और राजेंद्र यादव को भारतीय दंड विधान की अलग-अलग धाराओं में दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर प्रत्येक दोषी को एक वर्ष छह महीने कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी।
आरोप के अनुसार, एक हत्या के मामले में दाखिल की गई जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान दोषियों ने अंतिरम राहत प्राप्त करने के लिए पटना उच्च न्यायालय में यह कहते हुये झूठा शपथ पत्र दाखिल किया था कि मामले में न तो उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुआ है और न ही निचली अदालत ने उनके विरुद्ध संज्ञान लिया है।
इस शपथ पत्र पर पटना उच्च न्यायालय ने राहत देते हुये उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी लेकिन बाद में दोषियों का शपथ पत्र झूठा साबित हुआ। इसके बाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई ने मामले की जांच की और दोषियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। सीबीआई ने आरोप साबित करने के लिए विशेष अदालत में दस्तावेजी सबूतों के अलावा सात गवाहों का बयान कलमबंद करवाया था।