Mob Lynching स्थल से लौटे शकील, कहा-भाजपा ने उकसाया
कांग्रेस विधायक शकील अहमद ने समस्तीपुर में Mob Lynching स्थल का दौरा किया। पीड़ित परिजनों से मिले। कहा, स्थानीय भाजपा नेताओं ने भीड़ को उकसाया।
कांग्रेस विधायक शकील अहमद ने एक जुलाई को समस्तीपुर के आधारपुर पंचायत के चकनिजाम का दौरा किया। यहां मॉब लिंचिंग के शिकार लोगों के परिजनों से मिले और घटना की पूरी जानकारी ली। उनके साथ कांग्रेस नेत्री प्रतिमा भी थीं।
घटनास्थल से लौटकर पटना में नौकरशाही डॉट कॉम को कांग्रेस विधायक शकील अहमद ने बताया कि 21 जून की सुबह वार्ड सदस्य श्रवण यादव की हत्या के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ माॅब लिंचिंग, आगजनी, लूटपाट, महिलाओं के साथ बर्बरता की गई। भीड़ को उन्मादी बनाने के पीछे भाजपा व संघ का हाथ था।
श्रवण यादव की हत्या का आरोप वार्ड पार्षद व उपमुखिया मो. हसनैन पर लगा था। हिंदु पुत्र नामक संगठन से जुड़े लोगों ने भीड़ को अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हिंसा के लिए भड़काया। माले की जांच दल ने भी इस सच्चाई को सामने लाया है।
श्रवण यादव की हत्या के बाद 21 जून को लगभग दो घंटे तक लोग रोड जाम कर हत्या के आरोपित हसनैन की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। लेकिन बगल के गांव बाघी के हिंदु पुत्र नामक संगठन के नेता बलराम सिंह कुशवाहा, बीजेपी व आरएसएस नेता धीरेन्द्र कुमार धीरज, मोतीपुर-आधारपुर के बीजेपी के सहकारिता विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष कृष्ण कुमार गुप्ता के उकसावे पर भीड़ में हिंसक हो गई। भीड़ ने मो. हसनैन के परिजनों पर हमला बोल दिया। मुखिया विश्वनाथ राय ने आधारपुर, बाघी, ताजपुर, भेरूखरा, दियरूआ समेत कई गांवों से जमा हो चुकी हजारों की भीड़ को हमला के लिए उकसाया। वह कह रहे थे कि मुस्लिमों को सबक सिखाना है। भीड़ ने पुलिस की मौजदूगी में मो. हसनैन समेत उनके दोनों भाई नूर मोहम्मद व नूर आलम के घर पर हमला बोल दिया।
भीड़ ने मो. हसनैन की 35 वर्षीय शिक्षिका पत्नी सनावर खातून को घसीटते व मारते-पीटते घर से बाहर निकाला. उनकी दो बेटियों चाहत परवीन व इबरत परवीन, बड़े भाई 60 वर्षीय नूर आलम, मो. हसनैन के भतीजे व नूर आलम के लड़के मो. अनवर को दौड़ा-दौड़ा कर पीटना शुरू किया. इन पांच लोगों को भीड़ पीटते हुए श्रवण यादव के घर के पास ले गई और सनवर खातून के कपड़े फाड़ डाले। सर का बाल नोच लिया और बेहद क्रूरता से पीटते उनकी हत्या कर दी। भीड़ ने मो. अनवर की भी पीट-पीट कर हत्या कर दी।
सबसे दुर्भाग्यूपर्ण यह कि यह सबकुछ पुलिस की मौजदूगी में हुआ। ऐसा महसूस हुआ कि प्रशासन ने दंगाइयों को कुछ भी करने की छूट दे रखी थी। मो. हसनैन की बेटियों के शरीर पर तलवार, फरसा, काता से वार के निशान पाए गए। उनके घरों को लूटने के बाद आग लगा दी गई। लाखों की संपति लूट ली गई। चांदी, जेवरात, कीमती बर्तन, सामान लूटने के बाद एक कार व दो मोटरसाइकिल में आग लगा दी गई। मो. हसनैन की बड़ी बेटी नुसरत परवीन ने बताया जो पूरे घटनाक्रम को छुपकर देख रही थी। भीड़ उसे भी ढूंढ रही थी। लेकिन वह बाल-बाल बच गई।
इस वीभत्स कांड में अभी तक किसी भी अपराधी की गिरफ्तारी नहीं होना आश्चर्यजनक है। माॅब लिंचिंग के लिए उकसाने वाले अपराधियों के नाम भी एफआईआर में नहीं हैं। अपराधी खुले घुम रहे हैं।
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कांग्रेस विधायक शकील अहमद ने हसनैन के परिजनों के साथ ही श्रवण यादव के परिजनों से भी मुलाकात की। जांच दल ने आग लगा दिए गए घरों, नाला विवाद के स्थान, श्रवण यादव को गोली मारने वाली जगह का भी दौरा किया और आसपास के लोगों से बातचीत की। जांच दल ने पाया कि उक्त घटना के पहले गांव में किसी प्रकार का सांप्रदायिक द्वेष नहीं था। मो. हसनैन व श्रवण यादव के बीच नाला को लेकर 20 जून को हाथापाई हुई थी। इसी के बाद श्रवण यादव की हत्या हो गई थी। उसके बाद पूरे मामले को अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ मोड़ दिया गया और इस बर्बर घटना को अंजाम दिया गया। कुल मिलाकर इस घटना में तीन लोगों की हत्या की जा चुकी है और तीन लोग बुरी तरह जख्मी हैं।
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