एम्स पर केंद्र की आनाकानी के बाद नीतीश सरकार का क्या है बड़ा फैसला

दरभंगा एम्स के लिए बिहार सरकार ने 151 एकड़ जमीन दी, लेकिन मोदी सरकार ने लेने से मना कर दिया। अब जानिए नीतीश सरकार का क्या है बड़ा फैसला।

बिहार कैबिनेट की मंगलवार को बैठक हुई, जिसमें नीतीश सरकार ने दरभंगा में ऐसा अस्पताल खोलने का फैसला ले लिया कि दरभंगा और आसपास के जिलों के लोगों को एम्स की कमी कभी नहीं खलेगी। इसके लिए राज्य सरकार ने 2546.41 करोड़ अर्थात ढाई हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था कर दी। यहां दरभंगा महाविद्यालय और अस्पताल के नए भवन बनाए जाएंगे। आधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे। राज्य सरकार ने दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल को पीएमसीएच की तरह विशाल बनाने का निर्णय लिया है।

राज्य सरकार ने कहा कि दरभंगा और उत्तर बिहार के अन्य जिलों की आबादी को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए महत्वकांक्षी योजना बनाई है। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि दरभंगा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल दरभंगा में 2500 बेडवाला का नया चिकित्सा विद्यालय महाविद्यालय एवं अस्पताल के रूप में विकसित किए जाने का लक्ष्य बनाया है। इससे पूर्व 400 बेड वाले सर्जिकल ब्लॉक का निर्माण किया जा रहा है। शेष 2100 बेड वाले अस्पताल के निर्माण के लिए इसी योजना अंतर्गत काम शुरू करने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड ने इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया।

याद रहे दरभंगा के डीएमसीएच में न सिर्फ दरभंगा, बल्कि आसपास के जिलों और यहां तक कि नेपाल के मरीज भी इलाज के लिए आते हैं। अब केंद्र सरकार ने एम्स निर्माण करने में आनाकानी की, तो बिहार सरकार ने चुनौती स्वीकार करते हुए यह बड़ा फैसला ले लिया। मालूम हो कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को एम्स निर्माण के लिए शोभन में 151 एकड़ जमीन दी, लेकिन मोदी सरकार ने लेने से मना कर दिया। कहा कि जमीन नीचा है और मिट्टी से भरने में परेशानी होगी।

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