प्रचंड गर्मी में लू लगने के कारण औरंगाबाद, गया और नवाद जिले में अब तक 61 लोगों की मौत हो चुकी है। लू लगने से औरंगाबाद में 30, गया जिले में 20 और नवादा जिले में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में अधिकांश 60 वर्ष से अधिक उम्र के शामिल हैं।
इस बीच सरकार ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को भीषण गर्मी के नजर पेयजल की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। सरकार ने अपने निर्देश में कहा है कि हाट, बाजार, समस्याग्रस्त गांवों में वाटर टैंकर की संख्या और अधिक बढ़ाई जाये। गर्मी के मद्देनजर चापाकलों की मरम्मत दल में लोगों की संख्या बढ़ानी पड़े तो बढ़ाई जाये। साथ ही लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सभी कार्यपालक अभियंताओं को किसी भी कर्मी को छुट्टी नहीं देने का भी निर्देश दिया गया है।
औरंगाबाद के जिला अधिकारी राजीव रंजन महिवाल ने बताया कि औरंगाबाद सदर अस्पताल में अभी 28 लोग भर्ती हैं और उनका इलाज किया जा रहा है। उन्होंने अस्पताल में चिकित्सकों की कम उपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर कहा कि कल कई चिकित्सक ड्यूटी से अनुपस्थित थे। उन चिकित्सकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
सिविल सर्जन श्री सिंह ने बताया कि मृतकों में एक तीन साल और एक छह साल का बच्चा और दो किशोर शामिल हैं। शेष की उम्र 60 वर्ष से अधिक हैं। उन्होंने बताया कि प्रथमदृष्टया इलाज के दौरान मरीजों के लक्षण से प्रतीत हुआ कि वे लू के ही शिकार हुये हैं।
गया के सिविल सर्जन डॉ. राजेंद्र प्रसाद सिन्हा ने बताया कि लू लगने से जिले में अबतक 19 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कल लू से पीड़ित 44 लोगों को भर्ती कराया गया था, जिनमें से इलाज के दौरान 12 लोगों की मौत हो गई जबकि 25 अन्य का इलाज चल रहा है। मृतकों में गया जिले के सात, औरंगाबाद के दो, शेखपुरा और नवादा के एक-एक तथा झारखंड में चतरा जिले के एक व्यक्ति शामिल हैं। उन्होंने बताया कि लू से पीड़ित सात ऐसे लोग भी हैं, जिनकी मौत अस्पताल पहुंचने से पहले हो गई थी।