तेजस्वी के खिलाफ उग्र बोल RJD का नहीं, BJP का नुकसान कर रहे PK
तेजस्वी के खिलाफ उग्र बोल RJD का नहीं, BJP का नुकसान कर रहे PK। प्रशांत किशोर राजद आधार में सेंध नहीं लगा रहे, अंततः भाजपा का करेंगे नुकसान। जानिए कैसे
कुमार अनिल
जन सुराज के प्रशांत किशोर दो दिनों से अपने बयानों के कारण चर्चा में हैं। वे बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ उग्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। नौवीं फेल कह कर मजाक उड़ा रहे हैं। कह रहे हैं कि तेजस्वी यादव ने कुछ नहीं किया। बाबू जी की पार्टी है, नेता बन गए। क्रिक्रेट खेलने गए और खिलाड़ियों के लिए पानी ढोते रहे। ऐसे ही लगातार चुभने वाली भाषा में तेजस्वी यादव पर हमला कर रहे हैं। उनके इस प्रकार हमले से राजद का कुछ नहीं बिगड़ेगा, बल्कि वे अंततः भाजपा का ही नुकसान करेंगे।
प्रशांत किशोर उर्फ पीके राजद के एजेंडे जाति गणना, पिछड़ों-दलितों को न्याय, 65 प्रतिशत आरक्षण, लगातार लाखों की संख्या में नौकरी देने जैसे मुद्दों पर बोलने से बचते हैं। वे उसी भाषा में तेजस्वी यादव पर हमले करते हैं, जिस भाषा में भाजपा के नेता हमला करते हैं। तेजस्वी यादव के मुद्दे और उनकी नीतियों पर बोलने के बजाय वे तेजस्वी के खिलाफ व्यक्तिगत हमले करते हैं। ठीक इसी तरह भाजपा भी तेजस्वी यादव पर व्यक्तिगत हमले करती है। लालू परिवार पर व्यक्तिगत हमले करती है। लालू परिवार पर व्यक्तिगत हमले से भाजपा का खास सामाजिक आधार खुश होता है। और उसी आधार को पीके भी खुश कर रहे हैं। यानी भाजपा की जमीन पर ही पीके अपनी फसल लगा रहे हैं। जाहिर है अगर लोकसभा या विधानसभा चुनाव में पीके ने अपने प्रत्याशी उतारे तो वे भाजपा की फसल ही बांटेंगे।
पीके अपने बयानों से सवर्ण सामंती मिजाज वाले तबके को खुश कर रहे हैं। भाजपा का आधार भी वाह-वाह कर रहा है। चुनाव के समय क्या भाजपा का आधार भाजपा से टूट कर पीके के साथ आएगा? इसकी संभावना कम है। चुनाव में तीखा ध्रुवीकरण होगा। पीके राजद के सामाजिक न्याय वाली जमीन को तोड़ नहीं पाएंगे और भाजपा का आधार उनसे खुश होकर भी उन्हें वोट नहीं देगा। ऐसे में पीके के जनसुराज के लिए जमानत बचाना मुश्किल हो जाएगा। वे जो कुछ भी वोट पाएंगे, वह भाजपा की मानसिकता वाले मतदाताओं के ही वोट पाएंगे। पीके जिस रास्ते पर चल रहे हैं, वह भाजपा की गली में जाकर बंद हो जाता है।
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