कुमार अनिल
भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग की और अब एक दिन बाद विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी केंद्र सरकार से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग कर दी। हालांकि भाजपा और राजद की मांगों के पीछे कारण अलग-अलग हैं।
खुद केंद्र सरकार में मंत्री रहते गिरिराज सिंह द्वारा नीतीश कुमार को भारतरत्न देने की मांग के पीछे माना गया कि भाजपा चाहती है कि नीतीश कुमार यह सम्मान पाकर राजनीति से अवकाश ले लें तथा बिहार की गद्दी भाजपा को सौंप दें। गिरिराज सिंह खुद केंद्र में मंत्री हैं, उन्हें मांग करने की क्या आवश्यकता है, उन्हें तो भारत रत्न देना है। इसके बावजूद मीडिया में बयान देने को यही माना गया कि भाजपा इस तरह माहौल बना रही है और दबाव भी।
इधर तेजस्वी यादव द्वारा नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग के पीछ अलग सियासत देखा जा रही है। राजद केंद्र सरकार से मांग करके दरअसल भाजपा के दांव से भाजपा को ही फंसाने की कोशिश कर रहा है। दूसरी बात कि राजद ने यह मांग करके राज्य के पिछड़ों खासकर कुर्मियों को संदेश दिया कि राजद को कुर्मी समुदाय से कोई विरोध नहीं है, बल्कि वह भी चाहता है कि नीतीश कुमार अगर राजनीति से अवकाश लेते हैं, तो सम्मान के साथ अवकाश लें। राजद ने अतिपिछड़े समाज के उस हिस्से को भी संदेश देने की कोशिश की है, जो नीतीश कुमार को अपना नेता मानता है।
————–
CM नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा स्थगित, 15 जनवरी से महिला संवाद यात्रा
इस तरह बिहार में अब सत्ता पक्ष यानी भाजपा तथा जदयू के साथ ही विपक्ष यानी राजद भी नीतीश कुमार को भारत रत्न देने के पक्ष में है। अगर केंद्र सरकार ने भारत रत्न दिए बिना नीतीश कुमार को किनारे करने की कोशिश की, तो राजद अवश्य ही इसे राजनीतिक मुद्दा बनाएगा। यह मुद्दा अब विधानसभा चुनाव में भी उठेगा।
चिराग और नीतीश की करीबी बढ़ी, फंस गए अमित शाह