केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड संसोधन बिल लाने की तैयारी कर रही है। कई दलों ने संसोधन बिल का विरोध किया है। विरोधी दलों के साथ ही एनडीए के घटक जदयू के नेता ने भी विरोध किया है। जदयू नेता तथा मंत्री जमा खान, गुलाम रसूल बलियावी ने खुल कर विरोध किया है। मीडिया से बात करते हुए जेडीयू नेता और राज्य शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अफजल अब्बास ने बिल में संशोधन का विरोध किया है। समाजवादी पार्टी, आईयूएमएल, एमआईएम सहित कई दलों ने संसोधन बिल का विरोध किया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि वक्फ बोर्ड के अधिकार को कम करना स्वीकार नहीं करेंगे।
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक वक्फ एक्ट-1995 में संसोधन के लिए बिल लाया जा रहा है, जिसके अनुसार बिल पास होने पर वक्फ बोर्ड को जिलाधिकारी कार्यालय में संपत्ति को रजिस्टर कराना होगा, ताकि संपत्ति का सही मूल्यांकन हो सके। ऐसा करना अनिवार्य होगा। देश में फिलहाल 30 वक्फ बोर्ड हैं। मोदी सरकार वक्फ अधिनियम में बड़े बदलाव करने जा रही है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को ही वक्फ अधिनियम विधेयक बिल के 40 संशोधनों को मंजूरी मिली है। संसद के इसी सत्र में ही इस बिल को पास कराने की तैयारी है।
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एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जब संसद चल रही है तो सरकार ने वक्फ संशोधित बिल को मीडिया में क्यों लीक किया? उन्होंने आशंका जताई कि मोदी सरकार वक्फ की संपत्ति को खत्म करना चाहती है। उन्होंने भाजपा के सहयोगी दलों से पूछा कि क्या वे मुसलमानों के वक्फ की संपत्ति छीनना चाहेंगे। ओवैसी ने कहा कि वक्फ संसोधन बिल धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है।
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