अफगानिस्तान में शर्मनाक हार हमारे माथ पर कलंक है- Trump
पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रम्प ने कहा है कि अफगानिस्तान में अमेरिका को शर्मनाक हार मिली है. यह हमारे माथे पर ऐसा कलंक है जो कभी धुल नहीं सकता.
डोनॉल्ड ट्रम्प ने 9/11 की बीसवीं बरसी में शामिल नहीं हुए और इस अवसर पर न्युयार्क पुलिस के कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने तालिबान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. वहां पर हमारी शर्मनाक हार हुई. हमें सच नहीं बताया गया. यह हार अब तक अमेरिका के माथ पर लगे तमाम धब्बों में सबसे ज्यादा है.
डोन्लड ट्रम्प के इस बयान का विडियो इंडिपेंडेंट उर्दू ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर पर जारी किया है.
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इस विडियो में ट्रम्प ने कहा कि पिछले हफ्तों में अफगानिस्तान में जो हुआ उस पर कोई बात नहीं करना चाहता. हमें सच नहीं बताया गया. हम वहां और दस साल रह सकते थे. लेकिन हम वहां से भाग खड़े हुए. यह शर्मनाक है. बाइडन वहां से भगना चाहते थे. हमने वहां ट्रिलियंस ऑफ डालर्स और लाखों लोगों की जान गंवा दी. हम वहां जीत सकते थे और सम्मान के साथ वापस आ भी सकते थे. लेकिन हमें अफगानिस्तान में शर्मिंद होना पड़ा.
अमेरिका ने तालिबान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. वहां पर हमारी शर्मनाक हार हुई. हमें सच नहीं बताया गया. यह हार अब तक अमेरिका के माथ पर लगे तमाम धब्बों में सबसे ज्यादा है-
याद दिला दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज की वापसी के मुद्दे पर कहा था कि हम अपनी नस्लों की जिंदगी वहां और बर्बाद नहीं कर सकते.
उधर चीन के विदेश मंत्रालय का बायन भी इस मुद्दे पर सामने आया है. उसने कहा है कि अफगानिस्तान में अमेरिकी शक्ति, सुपर टेक्नोलॉजी,और मिलिट्री मशीनें कब्रिस्तान में बदल चुकी हैं। हालत यह है कि अमेरिकी विमान और हेलीकॉप्टर को बच्चे झूले के रूप में उपयोग कर रहे हैं
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गौरतलब है कि अमेरिका ने 31 अगस्त की डेडलाइन के तहत तालिबान से समझौता किया था कि वह अफगानिस्तान छोड़ देगा. जब अमेरिकी फौज अफगानिस्तान छोड़ने लगी तो तालिबान धीरे-धीरे अफगानिस्तान पर कब्जा करने लगा. आखिरकार तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर 15 अगस्त 2021 को पूरी तरह से कब्जा कर लिया और अमेरिका को धमकी दी कि उसकी फौज का आखिरी अमला 31 अगस्त को निकल जाना चाहिए. इसके उलट अमेरिकी सेना ने 30 अगस्त को ही अफगानिस्तान छोड़ने की घोषणा कर दी.