नीतीश कुमार के बीमार होने से उनके आधार में तेजी से बिखराव हो रहा है। उनके साथ रहा अतिपिछड़ा समुदाय सांप्रदायिक राजनीति करने वाली भाजपा की तरफ नहीं जाए, बल्कि सामाजिक न्याय की राजनीति करने वाले राजद के साथ आए, इसे लेकर राजद ने रणनीति बना ली है। गुरुवार को राजद के सभी प्रमुख अतिपिछड़ा वर्ग के नेता जुटे और देर तक चर्चा की। बैठक में 3 मई को पटना में अतिपिछड़ों का महाजुटान करने का फैसला लिया गया।
रैली मिलर हाई स्कूल मैदान में होगी। राज्य के सभी जिलों में जिला प्रभारी के साथ बैठक, प्रचार-प्रसार के लिए बैनर, पोस्टर, हैण्डविल के साथ-साथ प्रचार रथ निकालने का फैसला लिया गया है।
बैठक की अध्यक्षता अरविंद कुमार सहनी ने की। बैठक में उदय नारायण चौधरी, पूर्व सांसद मंगनी लाल मंडल, सिपाही लाल महतो, रणविजय साहू, विधायक भरत भूषण मंडल, एजाज अहमद, प्रशांत कुमार मंडल, प्रदेश महासचिव डॉ0 प्रेम कुमार गुप्ता, मुकुंद सिंह, भोला साह तुरहा, डॉ0 मदन प्रसाद साह, कुमर राय, गौतम कपूर चन्द्रवंशी, शंकर सहित अन्य उपस्थित थे।
बैठक में कहा गया है कि नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार ने जातीय गणना के बाद भागीदारी बढ़ाते हुए आरक्षण व्यवस्था को 65 प्रतिशत किए जाने तथा अतिपिछड़ा समाज के लिए आरक्षण व्यवस्था को 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किए जाने का फैसला लिया गया था उसको कहीं न कहीं डबल इंजन की सरकार रोकने का साजिश किया है। और आरक्षण की चोरी करते हुए अतिपिछड़ा समाज को सात प्रतिशत बढ़े हुए आरक्षण के लाभ से वंचित करने का कार्य किया है, इसे अतिपिछड़ा समाज कभी नहीं भुला सकता है। जहां तेजस्वी जी ने महिलाओं के लिए माई-बहिन मान योजना के तहत महागठबंधन सरकार बनने पर 2500 रूपये प्रतिमाह दिये जाने, सामाजिक सुरक्षा पेंशन 400 से बढ़ाकर 1500 किये जाने तथा 200 युनिट बिजली फ्री और गैस सिलेंडर 500 रूपये में दिये जाने का जो संकल्प लिया है उससे अतिपिछड़ा समाज को आर्थिक रूप से काफी फायदा होगा और साथ ही साथ अतिपिछड़ा समाज के राजनीतिक और सामाजिक उत्थान के प्रति जो लालू जी की जो सोच रही है, उसे तेजस्वी जी ने महागठबंधन सरकार बनने पर मजबूती प्रदान की। और सत्ता में भागीदारी देते हुए मंत्री और बोर्ड निगम में सम्मानजनक भागीदारी दी। इससे अतिपिछड़ा समाज का विश्वास लालू जी के विचार और तेजस्वी जी के कार्य के प्रति और मजबूत हुआ है।