अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में एडमिशन से पहले अब सभी विदेशी छात्रों को भारतीय विदेश विभाग से अनुमति लेनी होगी। न्यूज18 की एक खबर के मुताबिक एमएमयू में नया नियम लागू कर दिया गया है। रिसर्च करने वाले छात्रों को रिसर्च का विषय भी बताना होगा। मालूम हो कि पहले यहां 36 से ज्यादा देशों के छात्र पढ़ाई करते थे। अब यह संख्या 16 तक देशों तक सिमट गई है।

खबर के मुताबिक शिक्षा मंत्रालय ने एएमयू को नया निर्देश जारी किया है कि वहां एडमिशन लेने से पहले विदेशी छात्रों को विदेश मंत्रालय से अनुमति लेनी होगी। विदेश मंत्रालय की अनुमति के बाद ही विदेशी छात्रों का नामांकन हो सकेगा।

खबर के मुताबिक 2013 तक एएमयू में 36 देशों के छात्र पढ़ाई करते थे। बाद में यह संख्या घटती गई। अब 20 से अधिक देशों के छात्रों ने दूरी बना ली है। इसे देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए नियमों में सुधार किया और विदेशी छात्रों को सालों भर नामांकन लेने की अनुमति दी, लेकिन शिक्षा मंत्रालय के इस नए निर्देश से यहां एडमिशन लेना पहले की तुलना में ज्यादा कठिन होगा।

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खबर में बताया गया है कि इंटरनेशनल स्टूडेंट सेल, एडवाइजर एस.अली नवाज जेदी के अनुसार पहले हमारे यहां जो विदेशी छात्र दाखिला के लिए आते थे उनको सरकार से कोई क्लीयरेंस लेने की जरूरत नहीं होती थी, लेकिन अब मिनिस्ट्री आफ एक्सटर्नल अफेयर्स से एक पत्र विश्वविद्यालय को आया है. जिसमें कहा गया है कि जितने भी विदेशी छात्र विश्वविद्यालय में दाखिला लेना चाहते हैं या रिसर्च के लिए विश्वविद्यालय में आना चाहते हैं,  उनकी जानकारी और रिसर्च प्रपोजल को मिनिस्ट्री आफ एक्सटर्नल अफेयरस को भेजना होगा। इसके बाद मिनिस्ट्री द्वारा क्लीयरेंस मिलने के बाद आप दाखिला दे सकते हैं। जब तक मिनिस्ट्री द्वारा क्लीयरेंस नहीं दी जाती तब तक विदेशी छात्र या छात्रा का एडमिशन कंप्लीट नहीं होगा।

याद रहे 2020 में यहां विदेशी छात्रों की नामांकन फीस 70 डॉलर से बढ़ा कर 100 डॉलर किया गया था। वार्षिक फीस में भी छह से 54 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई थी।

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