koshiकोशी नव निर्माण मंच के स्थापना दिवस पर दो दिवसीय सम्मलेन सम्पन्न

कोशी नव निर्माण मंच के स्थापना दिवस पर दो दिवसीय सम्मलेन सम्पन्न

कोशी नव निर्माण मंच की स्थापना दिवस पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में ऐतिहासिक रूप से अन्याय और वादाखिलाफी के भुक्तभोगी कोशी वासियों को संगठित कर व्यापक जन आंदोलनों खड़ा करने का संकल्प लिया। मंच ने फरवरी में  सुपौल के गाँधी मैदान में कोशी महापंचायत आयोजित करने का एलान भी किया।

कोशी नव निर्माण मंच के स्थापना दिवस पर दो दिवसीय सम्मलेन सम्पन्न

सरकार ने कोशी को शोक  बना दिया

पर्यावरणविद रंजीव कुमार ने कहा कि कोई भी नदी शोक नहीं होती है पर बिहार और केंद्र की सरकार ने कोशी को शोक  बना दिया। लोगों के साथ दशकों से ऐतिहासिक अन्याय हुआ तटबन्ध के भीतर के लोगों के वादे सरकार भूल गयी। कोशी विकास प्राधिकरण की संस्तुतियों को लागू करना तो दूर उसे बिना भंग किए  ही छोड़ दिया गया।
कल बैरिया मंच के मुंगरार घाट पर आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन वयोवृध्द सर्वोदयी अवधनारायण बाबू ने किया।  वक्ताओं ने सम्बोधित करते हुए कोशी समस्या के विभन्न आयामों पर विस्तार से बताते हुए पीडा को बताया।
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से काशी से आये वलभाचार्य ने कोशी और काशी की लड़ाई में एकजुटता जताते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश में 5 हेक्टेयर तक किसी किसान को लगान व सेस नही लगता है। फिर तटबन्ध के बीच के किसानों से जिन्हें जमीन की बर्बादी के बाद क्षति मिलनी चाहिए उनको लगान व बिना सुविधाओ का सेस लिया जाता है।
मालिकाना की दलील को खारिज करते हुए कहा कि फिर अन्य राज्यो में कैसे मालिकाना मिला है।
पत्रकार अमर नाथ झा ने कोशी  बाढ़ की त्रासदी व अन्य आयामो पर बातें की। वही रूपेश व विनोद ने कोशी त्रासदी के अलग अलग आयामों ओर प्रकाश डाला।

विकास के नाम पर होता है भेदभाव

स्वागत करते हुए हरिनंदन ने विकास के नाम पर भेदभाव के कारण मुंगरार घाट पर पुल नही बनने के सवालों को उठाया।
नेपाल से आये प्रतिनिधियों ने कहा कि दोनों देश की सरकारे दोनों देश की कोशी की जनता के साथ के वादाखिलाफी करती है। अपनी विफलता को दूसरों पर मढ़ती है बाढ़ पर ही कहा जाता है कि नेपाल ने पानी छोड़ा जबकि वह बाढ़ होती है। नेपाली प्रतिनधि मण्डल में देव नारायण यादव, प्रो ललित, भवानी प्रसाद, श्रवण चौधरी, सुखदेव ने संबोधित किया।
आयोजन का विषय प्रवेश अध्यक्ष संदीप ने किया, अध्यक्षता इंद्र नारायण सिंह, मो अब्बास, राम चन्द्र, ने संयुक्त रूप से किया। वही संचालन महेन्द्र यादव व राजू खान ने किया। अन्य प्रमुख वक्ताओं में पूर्व जिला पार्षद, मनोरमा, पूनम, सोनेलाल टुड्डू, भुवनेश्वर यादव, बिजेन्द्र इत्यादि ने संवोधित किया।

कोशी वासियों के दसको के अन्याय की लड़ाई संगठित करने का लिया संकल्प

 दो दिवसीय सम्मेलन में कोशी  की चुनौतियां और हमारा दायित्व विषय बाढ़ आश्रय स्थल पर बोलते हुए जयनारायण यादव, रामनरेश कौशिकी, श्री प्रसाद सिंह, रामचंद्र शर्मा, राजेंद्र प्रसाद, परमेश्वर यादव, उमेश प्रसाद भगत, देवनारायण  पिरवत  पासवान छोटेलाल, राजेन्द्र, परमेश्वर, रामनाथ, समतोलिया देव, दुःखी लाल, संजय, संजो देवी, दुनिदत, अजय, आशा देवी, चन्द्र किशोर जी  इत्यादि ने कोशी की पीड़ा बताते हुए सन्गठन को मजबूत करने की बाते की।

 सांगठनिक सत्र में सन्गठन निर्माण पर प्रस्ताव लिया गया कि ग्राम समिति, पंचायत समन्वय समिति, प्रखण्ड कार्य समिति, जिला कार्यकारिणी और कोशी काउंसिल के गठित करने का निर्णय लिया गया।
सर्व सम्मति से श्री भुवनेश्वर यादव को संरक्षक, इंद्र नारायण सिंह को अध्यक्ष, इशरत को उपाध्यक्ष और सुभाष को सचिव चुना गया वहीं जिला कार्यकरणी में  गंगा प्रसाद यादव, सीता देवी, धर्मेन्द्र,तारणी यादव ,तिलीया देवी, इशरत प्रवीण, श्री प्रसाद सिंह, भागवत पंडित, इजहार आलम, आलोक कुमार, सुभाष प्रसाद यादव, अनीता देवी, शनीचरी देवी, अब्दुल, राजेन्द्र मंडल है।
 कार्यक्रम में सिंघेश्वर राय, बिजेन्द्र ने जनवादी गीत गाये, वही सतीश,अमित , विकास, इंद्रजीत,, अमलेश, धर्मेन्द्र कुमार, भीम सादा, संतोष मुखिया सदरुल, मन्नान अरविंद कुमार इत्यादि कार्यकर्ताओ का सहयोग रहा।

By Editor