वक्फ संशोधन बिल की संवैधानिक वैधता पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। सुनवाई 16 अप्रैल को होगी। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के नेतृत्व में तीन जजों की बेंच सुनवाई करेगी। इधर बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि उन्हें मौलाना की जरूरत नहीं है। उनके इस बयान से नया हंगामा हो गया है। इससे पहले जदयू के पूर्व अध्यक्ष तथा केंद्रीय मंत्री ललन सिंह भी कह चुके हैं कि उन्हें मुसलमान वोट नहीं देते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन बिल की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 10 याचिकाएं लिस्टेड हैं। इनमें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल  बोर्ड, आप के नेता अमानुल्लाह खान, एसोसिएशन ऑर द प्रोटेक्शन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स (एपीडीआर), अरशद मजनी, समस्था केरला जमीयतुल-उलेमा, अंजुम कादरी, तैयब खान सलमानी, मोहम्मद शफी, मो. फजलुर रहमान और राजद नेता मनोज कुमार झा। इनके अलावा कई संगठनों तथा विभिन्न दलों की याचिकाएं भी हैं। उन्हें भी लिस्टेड कीए जाने की संभावना है।

इधर बिहार में लगातार जदयू की तरफ से वक्फ संशोधन बिव पर विवादित बयान दिए जा रहे हैं, जिससे मुसलमानों में नाराजगी है। जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नेता कुछ बोलने को फिलहाल तैयार नहीं हैं, लेकिन माना जा रहा है कि ये नेता जल्द ही पार्टी से अलग हो जाएंगे। पहले ललन सिंह के लोकसभा में वक्तव्य से लोग नारा थे, अब आज राज्य सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कह दिया कि उन्हें मौलाना की जरूरत नहीं है। साथ ही यह भी कहा कि नीतीश कुमार ने मुसलमानों के लिए जितना किया है, उतना किसी ने नहीं किया। भाजपा के साथ रह कर मुसलमानों के लिए काम किया।

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